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आओ मनाएं संविधान दिवस

पूरे देश में  संविधान दिवस मनाया जा रहा है। सभी वर्ग के लोग संविधान के निर्माण दिवस पर अनेकों ने कार्यक्रम करके संविधान दिवस को मनाया गया। राजनीतिक पार्टियों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की चित्र पर माल्यार्पण कर संगोष्ठी कर के संविधान की चर्चा करके इस दिवस को गौरवमयी बनाने का का प्रयास किया गया। प्रशासनिक स्तर हो या  फिर विद्यालयों में बच्चों द्वारा शपथ दिलाकर निबंध लेखन चित्रण जैसी प्रतियोगिताएं करके दिवस को मनाया गया। बताते चलें कि 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान मसौदे को अपनाया गया था और संविधान लागू 26 जनवरी 1950 को हुआ था। संविधान सभा में बनाने वाले 207 सदस्य थे इस संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी थे। इसलिए इन्हें भारत का संविधान निर्माता भी कहा जाता है । विश्व के सबसे बड़े संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का समय लगा था। भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए 29 अगस्त 1947 को समिति की स्थापना हुई थी । जिसकी अध्यक्षता डॉ भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में समिति गठित गठित की गई थी । 19 नवंबर 2015 को राजपत्र अधिसूचना के सहायता से

यूं ही नहीं कहा जाता इन्हें ‘रेडियो मैन’, ये है पूरी कहानी

सूचना क्रान्ती के इस युग में सदाबहार रेडियो अब भी उतना प्रभावी और बेमिसाल है। यह लोगों के मन मष्तिष्क पर किस कहर असर पैदा करता है , सिंहपुर , अमेठी के   प्रमोद श्रीवास्तव की कहानी इसकी गवाह है।   अमेठी के निवासी हैं प्रमोद आपको यकीन नहीं होगा लेकिन यह बात सत्य है। दरअसल , प्रमोद कौथनपुरवा गांव , सिंहपुर , अमेठी के निवासी है। बताया जा रहा है कि 1990 में अचानक तेज बुखार से बिमार हो गये थे , असके बाद वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। साथ ही बताया जा रहा है कि इसको लेकर परिवार वाले कुछ समझ नहीं पा रहे थे। इसके बाद घरवालों ने प्रमोद को लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाया। बताया जा रहा है कि इलाज करने वाले डॉक्टर ने पहले पूरा मामला समझा , और उनके शौक को जाना। परिजनों ने बताया कि प्रमोद को रेडियो सुनना बहुत पसंद है , फिर डॉक्टरों ने ऐसी तरकीब निकाली , जिसे सुन हर कोई हैरान रह गया। इलाज करने वाले डॉक्टर ने दवा के साथ रेडियो सुनने की सलाह दी , यह नुस्खा असरदार निकला , रेडियो की आवाज से धीरे-धीरे प्रमोद की तबीयत ठीक होने लगी। बीएड कर चुके आज पूरी तरह स