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अक्तूबर, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सरलता,ईमानदारी एवं त्याग की प्रतिमूर्ति थे डा0रूद्र प्रताप सिंह

पूर्व सांसद डा0 रूद्र प्रताप सिंह का निधन अमेठी- ईमानदार व कर्मठ पूर्व संासद डा0 रूद्रप्रताप सिंह के बीमारी के चलते चलते आकस्मिक निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। कस्बा व्यापारियों ने दुकाने बंद करके शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर श्रन्द्राजंलि अर्पित की। दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे जामों रियासत के राजा व पूर्व सांसद डा0 रूद्रप्रताप सिंह 80 वर्ष का निधन लखनऊ में एक निजी अस्पताल में भोर सुबह तीन बजे हो गया। ये कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड गई। उनके पैतृक गांव जामों में लोगों सूचना मिलते कस्बा जामों के बाजार की दुकानें एवं स्कूल व कालेज बंद हो गये। निधन की सूचना पर उनके भतीजे प्रतापगढ एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ऊर्फ गोपाल व गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह लखनऊ आवास पहुंच गये। लखनऊ में ही उनकी अंतेष्टि किया गया,उन्हे इकलौते पुत्र रविप्रताप सिंह मुखाग्नि दी । जगदीशपुर विधायक राधेश्याम सहित विशिष्टगण मौजूद रहे।जामों कस्बे के व्यापारियों ने कस्बे में व्यापारमण्डल अध्यक्ष शिवप्रताप मिश्र की अध्यक्षता में दो मिनट का मौन रखकर श्र

पंचायत चुनाव में एसी व देशी का जलवा कायम

नीरज सिंह अभी तो ट्रेलर है पिक्चर अभी बाकी है,ये फिल्मी डायलाग इस पंचायत चुनाव में सटीक बैठ रही है। एसी व देशी दोनों शबाब पर है। सच बात है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की गर्माहट साफ दिखने लगी है। कोर्ट में पडी अपीलों पर निर्णयों का असर दिख जरूर जाता है लेकिन राजनीतिक तपन थमने का नाम नही ले रही हैं। पंचायत चुनाव के समर में बडे बडे सूरमा विभिन्न वार्डो से अपनी भाग्य अजमाने के लिए कूद पडे है। सुबह शाम मतदाताओं की चैखट चूमने के अलावा गांव की गलियों की धूल फांक रहे है। जहां एक ओर बीडीसी प्रत्याशी अपने मतदाता को रिझाने के लिए गांव गांव भटक रहे हैं और विकास कराने की कसमें खा रहे हैं। वहीं जिला पंचायत सदस्य का चुनाव इस चुनाव से थोडा इतर है। इस बार के चुनाव में प्रचार का तरीके में प्रत्याशियों ने कुछ बदलाव लाया है। जहां पहले की तरह देशी का जलवा कायम है वहीं इस बार एसी लग्जरी वाहनों का भी जलवा कायम हो चुका है। जिले के लगभग सभी वार्डों में प्रत्याशियों के साथ सफारी,इनोवा,क्वालिस, व स्कार्पियों जैसे लग्जरी वाहन काफिले में शामिल हैं। उनके साथ रंगरूट कार्यकत्र्ताओं का चलना चलन बन गया है। प्रत्याशी क