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ओह्ह... डेमोक्रेसी में ये कैसी पॉलिटिक्स....!

विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में वर्तमान समय में राजनीति का बड़ा ही  अजीब स्वरूप देखने को मिला जो शायद अब तक पहले नहीं देखने को  पहले नहीं देखने को मिला था। मैं ही क्या भारत का हर जागरूक नागरिक राजनीति पर टिप्पणी करने में निशब्द हो चला हैं,हतप्रभ है। मन में अनेक सवाल उठ रहे हैं! क्या आज के  राजनीतिज्ञ राजनीति  की परिभाषा ही भूल गए हैं या फिर राजनीति की दिशा  को दूसरी तरफ मोड़ने का कुत्सित प्रयास तो नही हो रहा है! या फिर जानबूझकर कर ऐसा किया जा रहा है। अगर ऐसा है तो लोकतांत्रिक देश व उसकी व्यवस्था के लिए खतरा है। इससे हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। राजनीति दो शब्दों से मिलकर बना राज +नीति। राज का अर्थ है कि शासन करना तथा  नीति का अर्थ है किसी विशेष उद्देश्य से किसी कार्य को करना यानी कि नीति के अनुसार  कार्य करना वर्तमान समय में  राजनेताओं ने राजनीति का मायने ही बदल कर रख दिया है। राज का मतलब शासन करना तो सही लेकिन उनकी नीति समाज को सामाजिक व आर्थिक स्तर पर ऊंचा उठाने के  बजाय अब स्वयं को ऊपर उठाने में लगे हुए हैं अगर इसे डर्टी पॉलिटिक्स   कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । इन्हे