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कोरोना वायरस के कहर में मजबूर है इंसान

देख तेरे संसार की क्या हालत हो गई भगवान , कितना बदल गया इंसान...... उक्त गीत की पंक्तियां महान कवि व गीतकार प्रदीप जी ने दशकों पहले 1954 में नास्तिक फिल्म के लिए   लिखा था। आज कोरोना काल में में पूरी तरह फिट बैठ रही है । जहां   विश्व जगत अपने अपने देश की तरक्की व   खुशहाली के लिए तरह-तरह के सपने देख रहे थे कि अचानक इस वैश्विक महामारी ने विश्व की तस्वीर ही बदल कर की तस्वीर ही बदल कर रख दी । कोरोना कोविड 19 साम्यवादी देश चीन से निकलकर पूरे विश्व में पांव पसार लिया। लोग इस संक्रमण से ग्रसित होने लगे हजारों की संख्या में लोग मरने लगे। आज भी पूरे विश्व में 40 लाख से अधिक लोग इस संक्रमण का शिकार हो चुके हैं तीन लाख से अधिक की मौत हो गई है। 193 देशों में वायरस ने अपने पांव पूरी तरह पसार चुका है।आज ना तो इसकी दवा है ना ही कोई दुआ काम आ रही है । हर तरफ सड़कों पर सन्नाटा फैला हुआ है आज वह मानव जो अपने को ईश्वर का सर्वश्रेष्ठ निर्माण बताता था और अपनी ताकतों का दम भरता था । आज वह एक वायरस से जूझ रहा है , विश्व की महा शक्तिशाली शक्तियां अमेरिका , फ्रांस , चाइना ,