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देश व समाज के प्रति दायित्व आपका भी......!

कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश में लॉक डाउन कर दिया गया, जिससे लोग अपने घरों में रहें, अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करने का मौका मिले, लेकिन बहुत सारे प्रवासी मजदूर जो भरण पोषण के लिए अपने घर से हज़ारों किलोमीटर दूर जाते हैं वो आज भी उस इंतजार में है कि घर कब जाने को मिलेगा? बहुत सारे मजदूरों को सरकार के द्वारा उनके गंतव्य स्थान तक भेजा गया और आगे यही आशा है कि उनको भेजा जाएगा; लेकिन बहुत सारे प्रश्न जो मन में कौंधते है जैसे- १ कहा जाता है समय के साथ परिवर्तन बहुत आवश्यक है जो होना भी चाहिये लेकिन क्या उसके साथ मनोवृत्ति को संकीर्ण कर लेना भी आवश्यक है? जो आज इस व्यथित समाज में स्पष्ट रूप से दिख रहा है। २ समाज में एक बड़ा वर्ग जो सक्षम है कि अपने आसपास रहने वाले गरीब परिवार को भोजन करा सके और उसमें से कुछ लोग यथासंभव प्रयास कर भी रहे है लेकिन जो अपने परिवार के चारदीवारी में कैद हो कर विलासिता के जीवन व्यतीत कर रहे हैं उनके मन में ये किंचित मात्र नहीं आता कि हमें भी थोड़ा सहयोग देना चाहिए लेकिन उनके पास इसका भी जवाब होता है कि हम अपने टैक्स को सही समय पर देते हैं और सरकार से जा