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अमेठी की बेटी को भी मिलेगा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार

अमेठी- जिले की प्रतिभावान बेटी का चयन रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार के लिए होने से जनपद का नाम रोशन किया है। प्रदेश की 394 महिलाओं को प्रदेश सरकार रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित करने का कार्य सोमवार को किया जा रहा है। इस पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र एवं एक-एक लाख रूपये प्रदान किया जायेगा। वंशराज साहू व श्रीमती सावित्री साहू के पुत्री आरती साहू जिले के औद्योगिक क्षेत्र जगदीशपुर के आदित्य बिडला स्कूल से 12वीं कक्षा पास कर लखनऊ से बीटेक करने के बाद कम्युनिुटी इम्पावरमेंट लैब(ब्म्स्) के तत्वाधान में उसे रिचर्स का मौका मिला, जिसमें बच्चों के कुपोषण के शिकार के चलते बच्चों की अल्पायु में ही मौत होना विषय रहा। डिपार्टमेंट वूमन आफ चाइल्ड वेलफेयर के आंकडों के मुताबिक प्रदेश में 3.5 लाख बच्चे हर वर्ष अपना 5वां बर्थडे नही मना पाते। आरती साहू ने 2015-16 में इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए रायबरेली जिले के महराजगंज तहसील के बरहुआ ग्राम से शुरू करनेपर आंगनबाडी ,आशाबहुओं, व स्वयं सहायता समूहों की मदद से 200 ग्रामों आठ हजार माताओं व परिवारों के सदस्य से मिलकर कुखेषण से बचने के लिए हैंण्डवाश आद

मोदी का कालेधन पर प्रहार,राजनीतिक दल करने लगे तकरार

मोदी का कालेधन पर प्रहार,राजनीतिक दल करने लगे तकरार नीरज सिंह------ देश की अर्थ व्यवस्था पर कुंडली मारे काला धन रूपी अजगर उस समय बिलबिला उठा जब अचानक सोमवार रात 08 बजे देश के नाम संदेश में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उसका आहार बन चुका एक हजार व पांच सौ के नोट बंद करने की घोषणा किया। अचानक आये इस फैसले के निर्णय से पूरे देश में अफरातफरी का माहौल मच गया । आम आदमी से लेकर अरबपति भी परेशान हो उठा। लेकिन सुबह तक लोगों के समझ में आने लगा कि ये निर्णय आम जनता के लिए है तब जाकर लोग संतुष्ट हुए। लोगों ने कहा कि ये फैसला अमीरों के लिए नहीं वरन गरीबों के हित का है। थोडा कष्ट होगा लेकिन इसे सह कर देश हित में इसके साथ रहेंगे। उधर राजनीतिक दलों के नेताओं को जैसे सांप सूघ गया हो या कोमा में चले गये हों। एक दिन बीतने के बाद ही ये बोलना शुरू किया और कहा कि निर्णय गलत है इसमें समय देना चाहिए,तो कुछ ने कहा कि जनता परेशान है। कुछ ने आधा समर्थन दिया तो एक दो दलो ने पूरा समर्थन किया। अर्थशास्त्रियों से लेकर व्यापार उद्योग ने भी सही कदम माना। कालेधन पर मोदी का प्रहार से कई विपक्षीदल बौखलाहट

आंतक पर कब तक होगी ओछी राजनीति !

नीरज सिंह विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश भारत इस वक्त कई अग्नि परीक्षाओं से गुजर रहा है। देश की मोदी सरकार को देश के युवाओं को मेक इन इंडिया के तहत उनके सपनों को पूरा करने का बडा लक्ष्य पाना है वहीं पडोसी देश भारत के संयमता का इम्तिाहान लेने में जुटा हुआ है। वहीं विश्व मंच पर अपनी उपयोगिता साबित करने की कठिन चुनौती है। इन सबमें सबसे बडी चुनौता देश के अंदर बैठे ओछी राजनीतिक रहनुमा जो आये दिन कश्मीर से लेकर सर्जिकल स्ट्राईक ओर आतंकी एनकाउंटर का लेखा जोखा मांग रहे हैं। इन्हे इन हरकतों से देश की साख को कितना आघात पहुंचेगा,इसका अंदाजा इनको नहीं है। इनको सिर्फ अपने वोट बैंक की चिंता है। चैनलों पर राष्ट्रवादी भावना के बडे बडे बोल बोलने वाले ये नेता क्या कह रहे हैं इन्हे खुद पता नही है या फिर जानबूझकर बोला जा रहा है। स्तरहीन राजनीति करने वाले आतंकियों को समर्थन देने से नही चूक रहे हैं। 30 दिसम्बर की रात में करीब दो बजे प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिम्मी के आठ खूंखार आतंकी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सेंट्रल जेल से एक जेल के सुरक्षाकर्मी की हत्याकर भागने में सफल रहे। पुलिस व एटीएस टीम ने

शर्मसार हुआ लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ

पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होता है| विधायिका, कार्यपालिका, न्‍यायपालिका को लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्‍तंभ माना जाता है| इसमें चौथे स्‍तंभ के रूप में मीडिया को शामिल किया गया|जनता के लिए दर्पण का कार्य करने वाली ,सच्चाई को उजागर करने वाली मीडिया क्या अपने दायित्व की तरफ से मुख मोड चुकी है। ये केवल राजनीतिक दलों व उनकी सरकारों के हाथ कठपुतली बन कर रह गई है। जबकि लोकतांत्रिक देश में इनकी महती भूमिका होती है। जनता से सरोकार रखने वाले अहम मुद्दों को सरकार तक पहुंचाने का काम मीडिया करती है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आजादी से लेकर अब तक लोकतंत्र को चलाने में मीडिया का सहयोग रहा है, इससे किंचित मात्र विमुख नही हो सकते हैं। हां ये जरूर है कि आजादी के समय की मीडिया और वर्तमान समय की मीडिया में बहुत फर्क दिखने लगा है। मीडिया व्यवसायीकरण होता जा रहा है।आज बडे पूंजीपतियों के हाथों मीडिया की लगाम है। जहां फायदा मिलता है वैसा ही खबर बनता है। ये जनता पर क्या असर डालेगी इससे मतलब नही रह जाता है। अभी बिगत दिनों दशहरा के मौके पर पश्चिम बंगाल में दो संप्रदायों के बीच तनाव फैल गया। जोकि धीरे

अखिलेश यादव का राजनीति में नया अवतार!

SURYA PARKASH SINGH-sp-singh १७ नवम्बर के बाद नयी पार्टी की घोषणा तय है … मैंने यह बात १५ दिन पहले ही कह दिया था। यह आज अंदर की बात लिख रहा हूँ…विश्वास करें। अखिलेश यादव सपा का असली चुनावी फ़ेस है। मुलायम या शिवपाल का समय जा चुका है, इनके पास क्रिमिनल तत्वों के सिवाय कुछ नही है। सपा के ख़िलाफ़ anti-incumbency फ़ैक्टर इतना ज़बरदस्त है कि इनकी सत्ता में वपिसी असम्भव है। भ्रष्टाचार, अनाचार से जनता त्रस्त है। परंतु यदि अखिलेश नयी पार्टी बनाते हैं तो भाजपा के लिए एक मुसीबत खड़ा होना लाज़मी है। अखिलेश आज सपा में अलग थलग है और एक बेबस व बेचारे की भूमिका में है। सपा में अब चाचा व भतीजे का एक साथ रहना असम्भव है।शिवपाल आज अपनी संगठन में पकड़ की बात करते है और बाहरी लोग यह मानते भी है। लेकिन सच यह है कि अखिलेश के फ़ेस के बिना अब सपा सत्ता में वापसी नही कर सकती। अखिलेश को यदि हीरो बनना है और अपनी अलग पहचान बनानी है तो यह सही समय है कि सपा व अपने दाग़ी परिवार को लात मारकर नयी पहचान बनाए .. नयी पार्टी बनायें…..और वे ऐसा ही करने जा रहे हैं। मुलायम के बाद वैसे भी चाचा व मुलायम का नया परिवार अखि

तलाक….तलाक…..तलाक..एक देश दो कानून !

देश में सामाजिक तौर समानता के अधिकार से सरोकार रखने वाला एक और मुद्दा गरर्माया है। ट्रिपल तलाक को लेकर देश में बडी बहस का रूप ले लिया है। इस इसकी शुरूआत सुप्रीम कोर्ट में दायर शायराबानों केस से हुई है। मुसलमानों के शरीयत के अनुसार ट्रिपल तलाक पूरी तरह से जायज है। इसे लेकर पहले भी काफी बखेडा हो चुका हैं 1984 में शाहबानों केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पीडिता को मुआवजा देने की बात की गई थी। लेकिन तत्कालीन राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद में विधेयक लाकर पलटने का कार्य किया गया था, जिसका मुस्लिम महिलाओं पर विपरीत प्रभाव पडा था। परन्तु मुस्लिम वोटों के लिए ये कृत्य किया गया था। अब एक बार फिर देश में ट्रिपल तलाक को लेकर बडी बहस चल पडी है। इतना ही नही देश के आन्ध्रप्रेश, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु,आदि प्रदेशों के 50 हजार से अधिक मुस्लिम महिलाओं और पुरूषों ने हस्ताक्षरयुक्त हलफनामा कोर्ट में पेश किया कि ट्रिपल तलाक को हटाया जाय इससे महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार को रोका जा सके। भारत सरकार ने भी बीते सात अक्टूबर को सुप्रीम को

काश ! इन्हे भी समझाए कोई.......

उरी घटनाओं को लेकर देश की जनभावना जिस प्रकार उद्देलित हुई शायद कभी हुई होगी। 10 दिनों के अन्दर जिस प्रकार सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के कैंप पर सर्जिकल स्ट्राईक को अंजाम दिया काबिले तारीफ की बात रही। इस कार्यवाही में सेना के साथ साथ खुफिया एजेंसियों और केन्द्र की सरकार का भी अहम रोल रहा। जिसकी चारों ओर तारीफ मिली ,इतना ही नही देश में ही नहीं विदेशों में इस कदम की प्रशंसा हुई। भारत की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ किया ओर जय के नारे भी लगाये। इससे अति उत्साहित भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने सेना व मोदी की सर्जिकल स्ट्राईक के साथ चित्रण करते हुए होल्डिंग लगा दी । फिर क्या था अन्य दलों में तूफान आ गया। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के नेता अनाप शनाप बयान देने लगे जैसे लगा कि इनका संतुलन ही बिगड गया। अरविंद केजरीवाल, संजय निरूपम ने सर्जिकल स्ट्राईक के सबूत तक मांग डाले। तो राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार को सेना के खून की दलाली करने वाली सरकार बना डाला। जिसकी चारो तरफ निंदा की जा रही है। इन्हे ये नही पता कि ये क्या बक रहे हैं। एक प्रकार से पाकिस्तान की सरकार के झूइे दावों क

नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनायें

लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार नन्हे नन्हे क़दमों से,माँ आये आपके द्वार मुबारक हो आपको नवरात्री का त्योहार… “चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है”… भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाली, उनके दुखों को हरने वाली, उनकी दिक्कतों को खत्म करने वाली, उन्हें संसार की सभी खुशियां प्रदान करने वाली ‘शेरा वाली माता’, नवरात्रि के शुभ अवसर पर लोकदस्तक परिवार की ओर हार्दिक शुभकामनायें जय माता दी

भारत ने रचा एक नया इतिहास,पाकिस्तान को किया बेबस

इस शीर्षक को रखने का अभिप्राय सिर्फ इतना है कि आतंकवाद से पीडित देश एक परमाणुविक क्षमता वाले देश बार्डर के अन्दर घुसकर कार्यवाही करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा देश भारत बन गया है। इस कार्यवाही को ऐतिहासिक कदम माना जायेगा। राजनीति से उठकर टिप्पणी करना चाहता हूं कि ये सब लोकतांत्रिक देश में तभी सम्भव होता है जब एक मजबूत सरकार हो साथ उसका मुखिया भी मजबूत इरादे वाला होगा। कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार इससे कहीं परे हो। जिसने रात रात भर जगकर देश के लिए रणनीति बनाता रहा । हम सो रहे थे तो वो सर्जिकल स्ट्राइक से अपने जवानों की वापसी का राह देख रहा था। उसी की सोच हिस्स है कि सेना के जवानों की शहादत को पखवारे भर के अन्दर जाया नही गया। सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये पीओके में तीन किमी0 के अंदर घुसकर सात कैंपों को नेस्तनाबूद कर दर्जनों आतंकियों का सफाया करना सेना के मनोबल को सातवें आसमान पर बिठाने का कार्य देश की सरकार ने किया है। देश उडी आतंकी हमले से खौल रहा था, इन परिस्थितियों सरकार ने जो समझदारी के साथ निर्णय लिया है उससे पाकिस्तान का हाल बेहाल हो गया है। उडी कैंप पर

सपा का समाजवाद यही है क्या !

देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी विचार धारा की द्योतक कही जाने वाली पार्टी समाजवादी पार्टी की सरकार है। ये वही प्रदेश है जहां देश के संसद में सबसे ज्यादा सांसद चुन कर आते हैं। इस प्रदेश की कमान 2012 के विधान सभा के चुनाव में जनता ने प्रचंड बहुमत के साथ जिताकर युवा नेता अखिलेश यादव के हाथों सत्ता सौंपी। उन्हे उम्मीद थी कि युवा मुख्यमंत्री होने के नाते राज्य का सर्वांगीण विकास के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण होगा। काफी हद तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी छवि के हिसाब विकास को गति भी दिया और ये कार्य दिखने भी लगे। लेकिन उनके सामने पिछले साढे चार सालों में सबसे बडी चुनौती दिखी वह रहा उनका समाजवादी कुनबा जोकि उनके सामने आये दिन उनके फैसलों पर टांग अडाते दिखे। घर से मिल रही चुनौतियों से मुख्यमंत्री के किये गये कार्यों पर भी प्रभाव पडता रहा। जब भी सपा की सरकार बनी सबसे बडा मुद्दा प्रदेश में कानून व्यवस्था ही रहा है। आज भी उसी मुद्दे पर सरकार विपक्षी पार्टियां उन्हे घेरने का कार्य कर रही हैं। अखिलेश इसकी सफाई में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 नं0 व 100नं0 चालू करने की बात

पाक का नापाक चेहरा उजागर

जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के कैम्प पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान का नापाक चेहरा पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गया है। वह पूरी अलग थलग पडता दिखायी पडा रहा है,यहां तक कि उसका सबसे करीबी मित्र देश चीन भी स्तब्ध है । उसने भी पाक का नाम लिए बगैर उरी घटना की निंदा की है, साथ आतंकवाद का विरोध करते हुए कहा है कि इसके खिलाफ कार्यवाही करनी होगी। कश्मीर की आड में आतंकवाद का खेल खेल रहा था इस बार नही होगा। पूरा विश्व जान गया है कि इसके पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। आज अमेरिका,चीन अफगानिस्तान,रूस,ब्रिटेन, फांस, कनाडा सहित व्श्वि कई देशों ने इस घटना की जमकर निंदा की है और अमेरिका ने तो पाकिस्तान को चेताया कि इस तरह की घटनाओं में उसका हाथ है। इसी का नतीजा है कि अमेरिकी संसद में पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने सबंधी प्रस्ताव रखा गया है जिस पर चर्चा जारी है। वहीं रूस ने पाक के साथ विमान सौदा भी रद्द कर दिया है। आतंकी देश घोषित के मसले पर संयुक्त राष्ट्र में चीन वीटो लगा देता था,आज वह विश्व अनेक देशों की प्रतिक्रिया से सहमत होकर उनके साथ खडा है। यहां तक कि पाकिस्तान के साथ आर्थिक प्रोजेक्ट पर भी

आतंक के खिलाफ जरूरत है एक ठोस कार्यवाही की

भारत देश के उरी सेक्टर में 18 सितम्बर की भोर सुबह सेना के कैम्प पर हुए फिदायीन हमले में 17 जवानों की मौत का जिम्मेदार पाकिस्तान को सबक सिखाने का मौका आ गया है। ये सोच का विषय है कि आखिर पडोसी मुल्क की सरपरस्ती में आतंकवादियों की गतिविधियों के बढावा को हम कब तक सहेंगे ! देश की आवाम ये जानना चाहती है कि आतंकवाद के खात्मे के लिए देश की सरकार करने जा रही है या फिर ऐसे ही अपने मुल्क के जवानों की शहादत झेलते रहेंगे। इससे पूर्व में मणिपुर में सेना के 18 से 20 जवान शहीद हुए और पडोसी देश म्यांमार की सीमा में घुसकर 20 आतंकवादियों को सेना की कार्यवाही में ढेर कर दिया गया था। आज हमें ऐसी की जबाबी कार्यवाही की जरूरत है। देखने की बात है सरकार इसे लेकर कैसी कार्यवाही की जाती है। हालांकि प्रधानमंत्री ने देश की जनता को भरोसा दिलाया कि इस कायराना कार्यवाही का जबाब दिया जायेगा। मनोहर पार्रिकर और रक्षामंत्री व आर्मी चीफ जनरल सुहाग को मौके भेजा। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद कहा कि ये आतंकी घटना में पाकस्तिान के संलिप्तता से इंकार नही किया जा सकता है। चारों मारे गये फिदायीन पा

नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी

नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी BY LOKDASTAK · SEPTEMBER 18, 2016 नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने उन्हें आज के दिन की मुबारकबाद दी। पीएम मोदी ने आज के दिन की शुरुआत अपनी मां हीराबा से मिलकर की। जैसे ही रात के 12 बजे उसके बाद ट्विटर पर पीएम मोदी को बधाई देने के लिए उनके समर्थकों का तांता लग गया। इसके बाद गांधीनगर में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने भी राज भवन पर पीएम मोदी से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री को फूलों के गुलदस्ते के साथ बधाई दी। नरेंद्र मोदी का जन्म साल 1950 में गुजरात के वडनगर में हुई। चार बच्चों में मोदी तीसरे थे। मोदी के पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे। जहां वह सुबह पिता के साथ चाय बेंचते थे और बाद में स्कूल जाते थे। 6 साल की उम्र में मोदी की मुलाकात रासीभाई दवे से हुई। इस वक्त गुजरात बॉम्बे से अलग होकर स्वतंत्र राज्य बनने की स्थिति में था। मोदी ने रासीभाई से गुजरात के अलग होने वाले पोस्टर लिए और अपने स्कूल के दोस्तों में बांट दिए। 8 साल की उम्र

समाजवादी परिवार पर अमर छाया

/> देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्ब राजनीतिक चहल पहल तेज हो गई है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी खटिया पंचायत कर सुर्खियों में बने हुए हैं। तो भाजपा अन्य दलों के विधायकों को पार्टी में शामिल कर खलबली मचा दी है। मायावती भी रैलियां कर सभी दलों पर तीर छोडने का कार्य कर रही हैं। इन सभी के के बीच सत्तारूढ समाजवादी पार्टी इन सभी से इतर अलग ही छाप छोडकर सबसे अधिक सुर्खियां बटोर रही है। ये किसी का दलबदल कराकर या विकास एजेंडा या फिर रैलियों से नहीं बलिक आपसी कलह के कारण चैनलों व अखबारों की सुर्खियों में है। वर्ष 2012 में सत्तारूढ होते ही अखिलेश यादव के सामने सबसे बडी चुनौती उनके ही परिवार वाले रहे हैं।अब चुनाव आते आते पार्टी दो फाडों में बंटती दिख रही है। एक नेतृत्व मुख्यमंत्री के चाचा शिवपाल यादव कर रहे हैं,वही दूसरा खेमा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। सपा का सत्ता में आने पर ही दोनों तनातनी अन्दर खाने में शुरू से ही है। पर विगत माह ये परिवारिक विवाद सतह पर आ गया जब बाहुबली मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल का पार्टी में विलय हुआ। इस पर अखिलेश न

इंजीनियर्स डे

भारत के महान सिविल इंजीनियर डॉ मोक्षगुंडम विसवेशरैया के जन्म दिन 15 सितंबर को पूरे भारत मे इंजीनियर्स डे के रूप मे मनाया जाता है। डॉ मोक्षगुंडम विसवेशरैया का जन्म कर्नाटक के कोलार जिले के एक गरीब तेलगू परिवार मे 15 सितंबर 1860 को हुआ था। पूना साइन्स कालेज से सिविल इंजीनियरिंग करने के पश्चात डॉ विसवेशरैया ने देश और जनता के लिए अपने इंजीनियरिंग कौशल से अभूतपूर्व सेवा किया जिसके लिए उन्हे वर्ष 1950 मे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। तब से आज तक उनके जन्म दिवस को अभियंता दिवस (इंजीनियर्स डे) के नाम से जाना जाता है। <a

विश्व हिन्दी दिवस पर विशेष.......हम और हमारी राजभाषा हिन्दी

नीरज सिंह एक बार फिर हम सभी को विश्व हिन्दी दिवस मनाने का अवसर मिल रहा है। आज फिर बात होगी सिर्फ हिन्दी के उत्थान की, उनके गौरवमयी इतिहास की, सरल व मिठास से ओत प्रोत मातृभाषा हिन्दी की बात करेंगे। गोष्ठियां आयोजित कर बडे बडे लच्छेदार भाषणों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने का कार्य करते है। इस सब के उपरान्त एक वर्ष के लिए अपनी मातृभाषा के बारे बात करना भूल जाते है। और आने वाले 14 सितम्बर को फिर वही सब बाते करते हैं। एक अरब से अधिक की आबादी में हिन्दी बोली जाने वाली हमारी राज भाषा अपनी पहचान बनाये रखने के लिए संर्घषरत हो , इससे दुःखद बात क्या हो सकती है। विश्व के बहुत से देशों में हिन्दी बोली जा रही है। लेकिन दुःख की बात है कि अपने ही भूमि पर हिन्दी का दायरा सिमटने लगेगा तो आगे क्या होगा! अंग्रेज तो चले ंअग्रेजियत छोड गये हैं। कहते हैं कि गुलामी से आजादी देश को मिल गई लेकिन मेरी समझ से वे जाते जाते भाषा की हथकडी जरूर पहना गये । हम हिन्दी नहीं हिन्गलिश बोलने लगे हैं। अब हाल ये है कि गोष्ठियों में हिन्दी के लेकर बडे बडे व्याख्यान देने वाले अपने ही बच्चों को इंग्लिश मीडियम के स्कूल में भे

देश की व्यवस्था में दोष तो नहीं या वर्तमान में परिवर्तन की जरूरत

NEERAJ SINGH देश की व्यवस्था में दोष तो नहीं या वर्तमान में परिवर्तन की जरूरत भारत देश को आजादी मिले हुए 69 वर्ष बीत गये,फिर भी देश की गरीबी नहीं मिट सकी है। हां इतना जरूर हुआ है कि हमारे देश पर राज करने वाली सरकारें गरीबों को ही हटाने का प्रयास हुआ। इनका मानना है कि जब गरीब ही नहीं रहेंगे तो गरीबी कहां रहा जायेगी। हमें सन् 1947 में अंग्रेजों से आजादी जरूर मिल गई]लेकिन गरीबी, भुखमरी, भ्रष्टाचार, भेदभाव व आरक्षण जैसी जंजीरों से मुक्ति नही मिल पायी है। इन वर्षों में देश विकास भी हुआ इसे झुठलाया नही जा सकता है गरीब देश की श्रेणी से उठकर विकासशील और फिर विकसित देश की राह पर चल चुका है। आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है।लेकिन इन बातों के अतिरिक्त क्या बिनोवा भावे के भूदान आंदोलन को भुलाया जा सकता है।किस प्रकार भूमिहीन जनता को बडे बडे राजा-महाराजाओं को प्रेरित कर जमीन को गरीब जनता में जमीन का दान करवाया था। क्या अब ऐसा महापुरूष हैं जो ऐसा करने में सक्षम हैं। अब तो देश का सिस्टम ही बदल चुका है। देश में दो ही वर्ग बचा है अमीर और गरीब का, आज अमीर और अमीर बन रहा है वहीं गरीब और ग

चुनौतियों से भरा होगा राहुल का अमेठी दौरा

राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी की जनता से रूबरू होने के लिए बुधवार को पहुंच रहे हैं। प्रदेश के विधान सभा के चुनाव नजदीक होने से इस दौरे का महत्व काफी बढ गया है। पार्टी संगठन को चुस्त दुरूस्त व पदाधिकारियों चुनावी तैयारी की घुट्टी पिलाने का कार्य इस दौर में होने की प्रबल सम्भावना है। इन दिनों के दौरे में राहुल गांधी जनता से मिलने के साथ ही विकास योजनाओं का लोकार्पण का भी करेंगे। और संगठन की मजबूती और कार्यकत्ताओं से मिलकर उनमें जोश भरने का भी काम करेंगे। इन सबसे इतर इस बात के लिए दौरा महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा भी तिरंगा यात्रा करके पूरे क्षेत्र में अलख जगाया और कार्यक्रमों को सफल बनाने साथ ही कार्यकर्ताओं में जोश भरने में सफल रहा। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो मोदी की रैली भी अमेठी क्षेत्र में हो सकती है। और अपने बूथों को मजबूती प्रदान करने व कार्यकत्र्ताओं की फौज तैयार करने में जुटी है। जोकि कांग्रेस के लिए सम्भावित चुनाव में चुनौती बन सकती है। हां कांग्रेस के लिए इतना अवश्य सकून देने वाला है कि लोकसभा चुनाव के बाद जिस प्रकार मोदी की ट

कश्मीरियत,इंसानियत,जम्हूरियत की नीति सुधारेगी कश्मीर के हालात......!

कश्मीरियत,इंसानियत,जम्हूरियत की नीति कश्मीर में हिंसा को रोक पाने में कितनी सफल होगी। ये तो आने वाले वक्त में पता चलेगा। कश्मीर के हालात के जिम्मेदार आज भी अशांति फैलाने में कोई कोर कसर नही छोड रहे हैं। 50 दिन से अधिक हो गये हैं लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। आज तक वहां कांग्रेस के अतिरिक्त क्षेत्रीय दलों की सरकारें रही हैं।स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को नरक में तब्दील करने की नापाक कोशिश पडोसी मुल्क पाकिस्तान दशकों से करता है आया। हमेशा कश्मीर मुद्दे का अंर्राष्ट्रीयकरण करने से बाज नही आता है। लेकिन जब इसे इसमें सफलता नही मिलती दिखी,तब इसने छदृम नीति अपनायी और अपने यहां आतंकियो ट्रेनिंग देकर हिंसा फैलाने के लिए कश्मीर की सीमा में घुसपैठ कराने लगा। और कश्मीर के अलगाववादियों के सुर में सुर मिलाने लगा। इसी कडी का नतीजा है कि आज अलगाववादियों के साथ मिलकर कश्मीर के युवाओं को भडकाने का काम किया जा रहा है। दो माह बीतने को है अभी कश्मीर के हालात सुधर नही रहे हैं। ये वाकये कोई नये नही हैं इससे पहले भी वहां के हालात बिगड चुके हैं लेकिन इस बार माहौल अलग है क्योंकि सेना पर जो पत्थर फेंके जा

भारत की विदेश नीति का विदेशी पटल पर असर

केन्द्र सरकार की विदेश नीति से विदेशी पटल पर भारत धाक बनती दिख रही है। विशेष कर पश्चिमी पूर्ब के देशों में इसका असर दिख रहा है। 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को लेकर जिस तरह दृढता पूर्वक विरोध जताया और विश्व शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है। इससे पडोसी पाकिस्तान सहित आतंकी संगठनो को करारा झटका लगा है। बलोचिस्तान व पीओके के मुद्दे पर भारत के रूख से पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया है। और उसकी मुसीबतें थमने का नाम नही ले रही है। संयुक्त राष्ट्र ने भी दो दिन पूर्व माना है कि पीओके में मानवाधिकार का जमकर हनन हो रहा है। बलोच प्रान्त में हालत ये है कि पाक का ध्वज जलाया जा रहा है तथा भारत का तिरंगा लहराया जा रहा है। प्रर्दशन के दौरान मोदी की तस्वीरें लेकर बलोच के नागरिक चल रहे हैं। इतना नही नही अरूणाचल प्रदेश में मिसाईलों की तैनाती व एयरबेज बनाने से सीमा की सुरक्षा मजबूत हुई है वहीं चीन के सीमा उलंघन से मुक्ति मिलेगी। चीन इससे अपनी सीमा में बंध चुका है। भारत की अर्थ व्यवस्था विश्व में 7वें नम्बर आ चुकी है। आज भारत से अफगानिस्तान, इराक के कुर्दों सहित

बॉलीवुड के स्टार गीतकार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर सम्मान समारोह का आयोजन

अमेठी। शनिवार को राजर्षि रणञ्जय सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नाॅलाजी के कैम्पस मे बॉलीवुड के स्टार गीतकार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। छात्रों के बीच अपने को पाकर मनोज मुंतशिर अपने पुरानी यादों मे खो गए। अमेठी जनपद के गौरीगंज मे जन्मे मनोज शुक्ला आज कामयाबी के बुलंदियों पर हैं और फिल्म जगत मे अपने लिए अलग पहचान बना लिया है। ‘एक विलेन’ फिल्म के ‘गलियाँ तेरी गलियाँ’ गीत के लिए आईफा अवार्ड पाने वाले मुंतशिर जी पहले भी स्टार गिल्ड तथा इंडियन टेली अवार्ड जैसे कई अन्य अवार्ड पा चुके हैं। मनोज मुंतशिर ने बतौर गीतकार पहली फिल्म ‘दी ग्रेट इंडियन बटर फ्लाइ’ किया तथा बाहुबली जैसे सुपर हिट फिल्मो मे संवाद लेखन का कार्य किया। दर्जनो फिल्मों के गीत लिख चुके मुंतशिर जी ने अपने प्रशंशकों को पीके, कपूर एंड संस, वजीर, जय गंगाजल, राकी हैंडसम, रंग रसिया, बेबी, दो दूनी चार जैसी हिट तथा लोकप्रिय फिल्में दीं। अभी 12 अगस्त को रिलीज अक्षय कुमार की फिल्म ‘रुशतम’ का सुपर हिट गीत ‘तेरे संग यारा खुशरंग बहरा’ के बोल भी मुंतशिर जी के दिये हुये है। मुंतशिर जी के सम

भारतीय कामगारों के लिए गहरी खाई बनते खाड़ी देश

सऊदी अरब में सैकड़ों भारतीय कामगार दाने-दाने को मोहताज हो गए. आर्थिक मंदी के कारण कई कंपनियों ने हजारों कामगारों को नौकरी से बाहर निकाल दिया. महीनों से वेतन बंद होने के कारण उनकी भुखमरी जैसी स्थिति पैदा हो गई. जेद्दा में इस तरह के 2,450 श्रमिकों के भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से भोजन बांटे जाने के बाद यह खुलासा हुआ कि सऊदी की ओगर कंपनी इन कामगारों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं दे रही थी. इस एक कंपनी के 50 हजार कर्मचारियों में से करीब चार हजार कर्मचारी भारतीय हैं. उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब में करीब 30 लाख भारतीय प्रवासी हैं, जबकि करीब आठ लाख भारतीय कुवैत में हैं, जिनमें अधिकांश कारखानों में काम करने वाले कामगार हैं. भारतीय दूतावासों को भारतीय कामगारों की तरफ से जो शिकायतें मिल रही हैं, वे आश्चर्यजनक हैं. पिछले तीन साल में खाड़ी के नौ देशों के बारे में 55 हजार 119 कामगारों की शिकायत मिली हैं. इनमें से 87 फीसदी शिकायतें छह खाड़ी देशों से सम्बद्ध हैं. इनमें आधे 13 हजार 624 कतर और 11 हजार 195 कामगार सऊदी अरब के हैं. मलेशिया से 6 हजार 346 कामगारों की शिकायतें मिली हैं. हैरत का आंकड़ा यह भी है

फंस गए भारतीय कामगार, काम आई भारत सरकार

सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में नौकरी करने गए कामगारों को भी नियोक्ता कंपनियों की प्रताड़ना से उबारने का बीड़ा भी भारत सरकार ने ही उठाया. यह जिम्मेदारी भी जनरल वीके सिंह ने ही संभाली और सऊदी अरब सरकार से बात करके समस्या का हल निकाला. जनरल की बातों से प्रभावित सऊदी अरब के शाह ने भी सरकार को भारतीय कामगारों की समस्या का त्वरित हल ढूंढ़ने का निर्देश दिया है. सऊदी अरब की नियोक्ता कंपनियों ने 7,700 कामगारों को नौकरी से निकाल दिया था. भारतीय कामगारों को विभिन्न शिविरों में रखा गया था. पहले तो कंपनियां उनका खाना दे रही थीं, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल और जनरल वीके सिंह की सऊदी अरब के श्रम और सामाजिक विकास मंत्री मुफरेज अल हकबानी से बातचीत के बाद इसका हल निकला. सऊदी सरकार ने कामगारों के खाने की व्यवस्था की. कच्चे तेल की कीमतें घटने और सऊदी अरब की सरकार द्वारा खर्चों में कटौती करने के कारण खाड़ी देश की अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार हो गई है, जिससे हजारों भारतीयों की नौकरी चली गई. सऊदी गए विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने वहां के श्रम मंत्री से आग्रह किया कि

सियासत का जनरल वीके सिंह

सेना से लेकर सियासत तक मोर्चे पर डटे रहने वाले योद्धा साबित हो रहे हैं पूर्व सेनाध्यक्ष और मौजूदा विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह. जनरल वीके सिंह युद्धग्रस्त, हिंसाग्रस्त और समस्याग्रस्त क्षेत्रों से भारतीयों को सुरक्षित निकाल कर लाने के तमाम सफल ऑपरेशनों के नायक के बतौर उभर कर सामने आए हैं. लीबिया हो या इराक, यमन हो या सूडान, यूक्रेन हो या सऊदी अरब, जहां भी भारतीय फंसे, उन्हें वहां से सुरक्षित निकाल कर भारत पहुंचाने की जिम्मेदारी जनरल वीके सिंह को ही दी गई और उन्होंने भी खतरे और जोखिम से भरी स्थितियों में सैन्य कुशलता और रणनीति का इस्तेमाल कर भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. राजनीति के गलियारे में वीके सिंह को अब सियासत का जनरल कहा जाने लगा है. युद्ध और हिंसाग्रस्त देशों से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल ले आने से भारतवर्ष की दुनियाभर में ऐसी साख बनी कि अमेरिका, फ्रांस समेत 40 विभिन्न देशों ने हिंसाग्रस्त देशों में फंसे अपने नागरिकों को निकालने में जनरल वीके सिंह से मदद मांगी और भारत सरकार के प्रतिनिधि के बतौर उन्होंने भारतीयों के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को भी सुरक्ष

अमेठी में किस स्तर पर पहुंचेगी भाजपा व कांग्रेस की राजनीति

अमेठी। संसदीय क्षेत्र अमेठी में लोकसभा चुनाव के दरम्यान क्षेत्र मे ंशुरू हुई भाजपा और कांग्रेस की नूराकुश्ती किस हद तक जायेगी यह आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। गांधी नेहरू परिवार के गढ को ढहाने की नियत से भ1जापा ने यहां स्मृति इरानी को 2014 के चुनाव में उतार कर काफी कुछ हासिल करने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान यहां जन सभा पर सीधी लडाई में भाजपा को लाने में सफलता हासिल की। भले ही सीट भाजपा की झोली मे ंजाने से बच गई।  कडी मशक्कत के बाद कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी इस सीट को बचानें में सफल हुए। चुनाव के दरम्यान विरोध की प्रक्रिया जो शुरू हुई उसमें कहीं कहीं ओछी हरकत भी देखी गई। उसी दौरान आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुमार विश्वास भी अमेठी से कांग्रेस के किले को उखाड फेंकने की कोशिश कर रहे थें।  कहीं-कहीं उनपर अंडे बरसाये गये। कहीं काली स्याही फेंकी गई तो जगह-जगह काले झंडे दिखाए गये। यह करतब कांग्रेसियों के द्वारा दिखाया गया। इसी कडी में स्मृति इरानी का भी पुरजोर विरोध हुआ। उन्हें भी काले झंडे दिखाए गये। प्रत्युत्तर में भाजयुमो कार्यकर्ताओं द्वारा

दोषियों के वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाना गलत -जेएनयू प्रशासन

जेएनयू के जिस वीडियो पर विवाद हो रहा है, उसे यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार भूपिंदर जुत्शी ने सही बताया है. उन्होंने कहा कि दोषियों के वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाना गलत है. क्योंकि रिकॉर्डिंग खुद जेएनयू प्रशासन ने कराई थी. पुलिस को सौंपे वीडियो, रिपोर्ट जुत्शी ने कहा, 'जब हमें पता चला कि अनुमति न होने के बावजूद अफजल गुरु को लेकर यह कार्यक्रम हो रहा है, तभी इसकी रिकॉर्डिंग के आदेश दे दिए गए थे. इसके साथ ही हमने इस घटना की एक रिपोर्ट भी तैयार की थी. यह रिपोर्ट और वीडियो दोनों हमने पुलिस को सौंप दिए हैं.' इसलिए आने दी कैंपस में पुलिस जुत्शी ने बताया कि जेएनयू प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति तब रद्द कर दी थी. जब पता चला कि आपत्तिजनक पर्चे बांटे जा रहे हैं. इसके बाद हमने अपनी टीम वहां भेजी थी. पुलिस को कैंपस में आने देना हमारी मजबूरी थी. क्योंकि पुलिस ने हमें जो चिट्ठी थी भेजी थी, इसमें साफ-साफ देशद्रोह का जिक्र था. पुलिस कार्रवाई पर हमारा जोर नहीं जुत्शी ने कहा कि ऐसे गंभीर आरोप के बाद भी अगर हम पुलिस को रोकते तो हम पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती थी. हमने अपनी जांच कर 8 छात्रों के ख

कंबल खूब बंटे, ठंडी फिर भी न गई गरीबों की, बीत गया मौसम हो गया घोटाला

मौसमी घोटाला........................... कंबल खूब बंटे, ठंडी फिर भी न गई गरीबों की, बीत गया मौसम हो गया घोटाला दोस्तों आपको अजीब लगा होगा कि बहुत घोटाले सुने हैं लेकिन ये घोटाला कौन सा है। आपको बता दे कि ये घोटाला मौसम के अनुसार ही होता है यही हकीकत है। ये प्रत्येक वर्ष आता आईये जरा इसके बारे में विस्तार से बात करते हैं। इस मौसमी घोटाले का सम्बंध गरीबी से जुडा हुआ है। सर्दी का मौसम आ चुका है, जिन गरीबों के तन पे कपडा नही है उनको ठंड लगना लाजिमी है।इसके लिए उनके लिए गर्म कपडे का बंदोबस्त करना स्वाभाविक है। इसके लिए सरकार सहित बहुत सी स्वयं सेवी संस्थायें सक्रिय हो जाती है। गरीबों के बदन ढकने और उन्हे ठंड से राहत पहुंचाने के लिए जुट जाते हैं। लेकिन इनके पीछे बहुत ही बडा गोरख धंधा होता है जोकि गरीबों की आड में ये खेल खेला जाता है। अब जानिए ये कैसे होता है। पहले सरकार इमदाद के बारे में बात करते हैं जिसमें कम्बल बांटने के लिए प्रदेश सरकारें जिलों को धन आवंटित करती है जिन्हे जिले का प्रशासन कम्बल आपूर्ति के लिए बाकायदा टेण्डर निकालता है । सबसे कम रेट वाले को कम्बल आपर्ति के लिए नियुक्ति किया