केन्द्र सरकार की विदेश नीति से विदेशी पटल पर भारत धाक बनती दिख रही है। विशेष कर पश्चिमी पूर्ब के देशों में इसका असर दिख रहा है। 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को लेकर जिस तरह दृढता पूर्वक विरोध जताया और विश्व शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है। इससे पडोसी पाकिस्तान सहित आतंकी संगठनो को करारा झटका लगा है। बलोचिस्तान व पीओके के मुद्दे पर भारत के रूख से पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया है। और उसकी मुसीबतें थमने का नाम नही ले रही है। संयुक्त राष्ट्र ने भी दो दिन पूर्व माना है कि पीओके में मानवाधिकार का जमकर हनन हो रहा है। बलोच प्रान्त में हालत ये है कि पाक का ध्वज जलाया जा रहा है तथा भारत का तिरंगा लहराया जा रहा है। प्रर्दशन के दौरान मोदी की तस्वीरें लेकर बलोच के नागरिक चल रहे हैं। इतना नही नही अरूणाचल प्रदेश में मिसाईलों की तैनाती व एयरबेज बनाने से सीमा की सुरक्षा मजबूत हुई है वहीं चीन के सीमा उलंघन से मुक्ति मिलेगी। चीन इससे अपनी सीमा में बंध चुका है। भारत की अर्थ व्यवस्था विश्व में 7वें नम्बर आ चुकी है। आज भारत से अफगानिस्तान, इराक के कुर्दों सहित अनेक देशों से भारत से सैन्य सहायता व हथियार खरीदने की इच्छा जतायी है। इसके साथ बलोच की तरह ही हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं। इन सभी घटनाये ये साबित कर रही हैं कि भारत की विदेश नीति काफी कारगर साबित हो रही हैं।साथ ही विश्व पटल पर भारत की अनदेखी कोई देश नही कर सकता है।
हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आजादी के बाद देश में एक विस्तृत संविधान लागू हुआ। जिसमें लिखा गया कि देश का हर नागरिक अमीर- गरीब,जाति-धर्म,रंग-भेद,नस्लभेद क्षेत्र-भाषा भले ही अलग हो लेकिन मौलिक अधिकार एक हैं।कोई भी देश का कोई भी एक कानून उपरोक्त आधार बांटा नही जाता है । सभी के लिए कानून एक है। अगर हम गौर करें शायद ये हो नही रहा है। एक कानून होते हुए व्यवस्थाएं दो हो गई है। आम आदमी के लिए कानून व्यवस्था संविधान के अनुसार होती हैं। लेकिन विशिष्ट लोगों के लिए व्यवस्था बदल जाती है।विशेष रूप से राजनेताओं के लिए कानून व्यवस्था का मायने ही बदल जाता है। उदाहरण के तौर पर आमजन कानून हाथ में लेता है तो पुलिस उसे सफाई देने तक का मौका नही देती है और जेल में ठूंस देती है। वहीं राजनेता कानून अपने हाथ लेता है ,तो वही पुलिस जांच का विषय बता कर गिरफ्तारी को लेकर टालमटोल करती है। क्या एक कानून दो व्यवस्था नही है ! लालू का परिवार भ्रष्टाचार में फंस गया है, इसे लेकर सीबीआई की कार्यवाही को लालू प्रसाद यादव राजनीति से प्रेरित और केंद्र सरकार पर बदले की भावना से कार्यवाही का आरोप लगा रह
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