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सितंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारत ने रचा एक नया इतिहास,पाकिस्तान को किया बेबस

इस शीर्षक को रखने का अभिप्राय सिर्फ इतना है कि आतंकवाद से पीडित देश एक परमाणुविक क्षमता वाले देश बार्डर के अन्दर घुसकर कार्यवाही करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा देश भारत बन गया है। इस कार्यवाही को ऐतिहासिक कदम माना जायेगा। राजनीति से उठकर टिप्पणी करना चाहता हूं कि ये सब लोकतांत्रिक देश में तभी सम्भव होता है जब एक मजबूत सरकार हो साथ उसका मुखिया भी मजबूत इरादे वाला होगा। कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार इससे कहीं परे हो। जिसने रात रात भर जगकर देश के लिए रणनीति बनाता रहा । हम सो रहे थे तो वो सर्जिकल स्ट्राइक से अपने जवानों की वापसी का राह देख रहा था। उसी की सोच हिस्स है कि सेना के जवानों की शहादत को पखवारे भर के अन्दर जाया नही गया। सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये पीओके में तीन किमी0 के अंदर घुसकर सात कैंपों को नेस्तनाबूद कर दर्जनों आतंकियों का सफाया करना सेना के मनोबल को सातवें आसमान पर बिठाने का कार्य देश की सरकार ने किया है। देश उडी आतंकी हमले से खौल रहा था, इन परिस्थितियों सरकार ने जो समझदारी के साथ निर्णय लिया है उससे पाकिस्तान का हाल बेहाल हो गया है। उडी कैंप पर

सपा का समाजवाद यही है क्या !

देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी विचार धारा की द्योतक कही जाने वाली पार्टी समाजवादी पार्टी की सरकार है। ये वही प्रदेश है जहां देश के संसद में सबसे ज्यादा सांसद चुन कर आते हैं। इस प्रदेश की कमान 2012 के विधान सभा के चुनाव में जनता ने प्रचंड बहुमत के साथ जिताकर युवा नेता अखिलेश यादव के हाथों सत्ता सौंपी। उन्हे उम्मीद थी कि युवा मुख्यमंत्री होने के नाते राज्य का सर्वांगीण विकास के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण होगा। काफी हद तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी छवि के हिसाब विकास को गति भी दिया और ये कार्य दिखने भी लगे। लेकिन उनके सामने पिछले साढे चार सालों में सबसे बडी चुनौती दिखी वह रहा उनका समाजवादी कुनबा जोकि उनके सामने आये दिन उनके फैसलों पर टांग अडाते दिखे। घर से मिल रही चुनौतियों से मुख्यमंत्री के किये गये कार्यों पर भी प्रभाव पडता रहा। जब भी सपा की सरकार बनी सबसे बडा मुद्दा प्रदेश में कानून व्यवस्था ही रहा है। आज भी उसी मुद्दे पर सरकार विपक्षी पार्टियां उन्हे घेरने का कार्य कर रही हैं। अखिलेश इसकी सफाई में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 नं0 व 100नं0 चालू करने की बात

पाक का नापाक चेहरा उजागर

जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के कैम्प पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान का नापाक चेहरा पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गया है। वह पूरी अलग थलग पडता दिखायी पडा रहा है,यहां तक कि उसका सबसे करीबी मित्र देश चीन भी स्तब्ध है । उसने भी पाक का नाम लिए बगैर उरी घटना की निंदा की है, साथ आतंकवाद का विरोध करते हुए कहा है कि इसके खिलाफ कार्यवाही करनी होगी। कश्मीर की आड में आतंकवाद का खेल खेल रहा था इस बार नही होगा। पूरा विश्व जान गया है कि इसके पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। आज अमेरिका,चीन अफगानिस्तान,रूस,ब्रिटेन, फांस, कनाडा सहित व्श्वि कई देशों ने इस घटना की जमकर निंदा की है और अमेरिका ने तो पाकिस्तान को चेताया कि इस तरह की घटनाओं में उसका हाथ है। इसी का नतीजा है कि अमेरिकी संसद में पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने सबंधी प्रस्ताव रखा गया है जिस पर चर्चा जारी है। वहीं रूस ने पाक के साथ विमान सौदा भी रद्द कर दिया है। आतंकी देश घोषित के मसले पर संयुक्त राष्ट्र में चीन वीटो लगा देता था,आज वह विश्व अनेक देशों की प्रतिक्रिया से सहमत होकर उनके साथ खडा है। यहां तक कि पाकिस्तान के साथ आर्थिक प्रोजेक्ट पर भी

आतंक के खिलाफ जरूरत है एक ठोस कार्यवाही की

भारत देश के उरी सेक्टर में 18 सितम्बर की भोर सुबह सेना के कैम्प पर हुए फिदायीन हमले में 17 जवानों की मौत का जिम्मेदार पाकिस्तान को सबक सिखाने का मौका आ गया है। ये सोच का विषय है कि आखिर पडोसी मुल्क की सरपरस्ती में आतंकवादियों की गतिविधियों के बढावा को हम कब तक सहेंगे ! देश की आवाम ये जानना चाहती है कि आतंकवाद के खात्मे के लिए देश की सरकार करने जा रही है या फिर ऐसे ही अपने मुल्क के जवानों की शहादत झेलते रहेंगे। इससे पूर्व में मणिपुर में सेना के 18 से 20 जवान शहीद हुए और पडोसी देश म्यांमार की सीमा में घुसकर 20 आतंकवादियों को सेना की कार्यवाही में ढेर कर दिया गया था। आज हमें ऐसी की जबाबी कार्यवाही की जरूरत है। देखने की बात है सरकार इसे लेकर कैसी कार्यवाही की जाती है। हालांकि प्रधानमंत्री ने देश की जनता को भरोसा दिलाया कि इस कायराना कार्यवाही का जबाब दिया जायेगा। मनोहर पार्रिकर और रक्षामंत्री व आर्मी चीफ जनरल सुहाग को मौके भेजा। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद कहा कि ये आतंकी घटना में पाकस्तिान के संलिप्तता से इंकार नही किया जा सकता है। चारों मारे गये फिदायीन पा

नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी

नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी BY LOKDASTAK · SEPTEMBER 18, 2016 नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने उन्हें आज के दिन की मुबारकबाद दी। पीएम मोदी ने आज के दिन की शुरुआत अपनी मां हीराबा से मिलकर की। जैसे ही रात के 12 बजे उसके बाद ट्विटर पर पीएम मोदी को बधाई देने के लिए उनके समर्थकों का तांता लग गया। इसके बाद गांधीनगर में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने भी राज भवन पर पीएम मोदी से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री को फूलों के गुलदस्ते के साथ बधाई दी। नरेंद्र मोदी का जन्म साल 1950 में गुजरात के वडनगर में हुई। चार बच्चों में मोदी तीसरे थे। मोदी के पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे। जहां वह सुबह पिता के साथ चाय बेंचते थे और बाद में स्कूल जाते थे। 6 साल की उम्र में मोदी की मुलाकात रासीभाई दवे से हुई। इस वक्त गुजरात बॉम्बे से अलग होकर स्वतंत्र राज्य बनने की स्थिति में था। मोदी ने रासीभाई से गुजरात के अलग होने वाले पोस्टर लिए और अपने स्कूल के दोस्तों में बांट दिए। 8 साल की उम्र

समाजवादी परिवार पर अमर छाया

/> देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्ब राजनीतिक चहल पहल तेज हो गई है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी खटिया पंचायत कर सुर्खियों में बने हुए हैं। तो भाजपा अन्य दलों के विधायकों को पार्टी में शामिल कर खलबली मचा दी है। मायावती भी रैलियां कर सभी दलों पर तीर छोडने का कार्य कर रही हैं। इन सभी के के बीच सत्तारूढ समाजवादी पार्टी इन सभी से इतर अलग ही छाप छोडकर सबसे अधिक सुर्खियां बटोर रही है। ये किसी का दलबदल कराकर या विकास एजेंडा या फिर रैलियों से नहीं बलिक आपसी कलह के कारण चैनलों व अखबारों की सुर्खियों में है। वर्ष 2012 में सत्तारूढ होते ही अखिलेश यादव के सामने सबसे बडी चुनौती उनके ही परिवार वाले रहे हैं।अब चुनाव आते आते पार्टी दो फाडों में बंटती दिख रही है। एक नेतृत्व मुख्यमंत्री के चाचा शिवपाल यादव कर रहे हैं,वही दूसरा खेमा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। सपा का सत्ता में आने पर ही दोनों तनातनी अन्दर खाने में शुरू से ही है। पर विगत माह ये परिवारिक विवाद सतह पर आ गया जब बाहुबली मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल का पार्टी में विलय हुआ। इस पर अखिलेश न

इंजीनियर्स डे

भारत के महान सिविल इंजीनियर डॉ मोक्षगुंडम विसवेशरैया के जन्म दिन 15 सितंबर को पूरे भारत मे इंजीनियर्स डे के रूप मे मनाया जाता है। डॉ मोक्षगुंडम विसवेशरैया का जन्म कर्नाटक के कोलार जिले के एक गरीब तेलगू परिवार मे 15 सितंबर 1860 को हुआ था। पूना साइन्स कालेज से सिविल इंजीनियरिंग करने के पश्चात डॉ विसवेशरैया ने देश और जनता के लिए अपने इंजीनियरिंग कौशल से अभूतपूर्व सेवा किया जिसके लिए उन्हे वर्ष 1950 मे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। तब से आज तक उनके जन्म दिवस को अभियंता दिवस (इंजीनियर्स डे) के नाम से जाना जाता है। <a

विश्व हिन्दी दिवस पर विशेष.......हम और हमारी राजभाषा हिन्दी

नीरज सिंह एक बार फिर हम सभी को विश्व हिन्दी दिवस मनाने का अवसर मिल रहा है। आज फिर बात होगी सिर्फ हिन्दी के उत्थान की, उनके गौरवमयी इतिहास की, सरल व मिठास से ओत प्रोत मातृभाषा हिन्दी की बात करेंगे। गोष्ठियां आयोजित कर बडे बडे लच्छेदार भाषणों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने का कार्य करते है। इस सब के उपरान्त एक वर्ष के लिए अपनी मातृभाषा के बारे बात करना भूल जाते है। और आने वाले 14 सितम्बर को फिर वही सब बाते करते हैं। एक अरब से अधिक की आबादी में हिन्दी बोली जाने वाली हमारी राज भाषा अपनी पहचान बनाये रखने के लिए संर्घषरत हो , इससे दुःखद बात क्या हो सकती है। विश्व के बहुत से देशों में हिन्दी बोली जा रही है। लेकिन दुःख की बात है कि अपने ही भूमि पर हिन्दी का दायरा सिमटने लगेगा तो आगे क्या होगा! अंग्रेज तो चले ंअग्रेजियत छोड गये हैं। कहते हैं कि गुलामी से आजादी देश को मिल गई लेकिन मेरी समझ से वे जाते जाते भाषा की हथकडी जरूर पहना गये । हम हिन्दी नहीं हिन्गलिश बोलने लगे हैं। अब हाल ये है कि गोष्ठियों में हिन्दी के लेकर बडे बडे व्याख्यान देने वाले अपने ही बच्चों को इंग्लिश मीडियम के स्कूल में भे

देश की व्यवस्था में दोष तो नहीं या वर्तमान में परिवर्तन की जरूरत

NEERAJ SINGH देश की व्यवस्था में दोष तो नहीं या वर्तमान में परिवर्तन की जरूरत भारत देश को आजादी मिले हुए 69 वर्ष बीत गये,फिर भी देश की गरीबी नहीं मिट सकी है। हां इतना जरूर हुआ है कि हमारे देश पर राज करने वाली सरकारें गरीबों को ही हटाने का प्रयास हुआ। इनका मानना है कि जब गरीब ही नहीं रहेंगे तो गरीबी कहां रहा जायेगी। हमें सन् 1947 में अंग्रेजों से आजादी जरूर मिल गई]लेकिन गरीबी, भुखमरी, भ्रष्टाचार, भेदभाव व आरक्षण जैसी जंजीरों से मुक्ति नही मिल पायी है। इन वर्षों में देश विकास भी हुआ इसे झुठलाया नही जा सकता है गरीब देश की श्रेणी से उठकर विकासशील और फिर विकसित देश की राह पर चल चुका है। आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है।लेकिन इन बातों के अतिरिक्त क्या बिनोवा भावे के भूदान आंदोलन को भुलाया जा सकता है।किस प्रकार भूमिहीन जनता को बडे बडे राजा-महाराजाओं को प्रेरित कर जमीन को गरीब जनता में जमीन का दान करवाया था। क्या अब ऐसा महापुरूष हैं जो ऐसा करने में सक्षम हैं। अब तो देश का सिस्टम ही बदल चुका है। देश में दो ही वर्ग बचा है अमीर और गरीब का, आज अमीर और अमीर बन रहा है वहीं गरीब और ग

चुनौतियों से भरा होगा राहुल का अमेठी दौरा

राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी की जनता से रूबरू होने के लिए बुधवार को पहुंच रहे हैं। प्रदेश के विधान सभा के चुनाव नजदीक होने से इस दौरे का महत्व काफी बढ गया है। पार्टी संगठन को चुस्त दुरूस्त व पदाधिकारियों चुनावी तैयारी की घुट्टी पिलाने का कार्य इस दौर में होने की प्रबल सम्भावना है। इन दिनों के दौरे में राहुल गांधी जनता से मिलने के साथ ही विकास योजनाओं का लोकार्पण का भी करेंगे। और संगठन की मजबूती और कार्यकत्ताओं से मिलकर उनमें जोश भरने का भी काम करेंगे। इन सबसे इतर इस बात के लिए दौरा महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा भी तिरंगा यात्रा करके पूरे क्षेत्र में अलख जगाया और कार्यक्रमों को सफल बनाने साथ ही कार्यकर्ताओं में जोश भरने में सफल रहा। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो मोदी की रैली भी अमेठी क्षेत्र में हो सकती है। और अपने बूथों को मजबूती प्रदान करने व कार्यकत्र्ताओं की फौज तैयार करने में जुटी है। जोकि कांग्रेस के लिए सम्भावित चुनाव में चुनौती बन सकती है। हां कांग्रेस के लिए इतना अवश्य सकून देने वाला है कि लोकसभा चुनाव के बाद जिस प्रकार मोदी की ट