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फ़रवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हवा हवाई हो गई चांदनी .......

‌आज सुबह चाय पी ही रहा था कि सोचा जरा देश दुनिया का हाल-चाल भी ले  लिया जाय और टीवी आन कर दिया । अरे ये क्या सुन रहा हूँ....शाक करने वाली खबर थी वो भी बालीवुड से कि जानी मानी फ़िल्म इण्डस्ट्री की अभिनेत्री श्री देवी का निधन होने की । न्यूज़ से जानकारी मिली कि उनकी मौत हार्ट अटैक से दुबई के जुबैरा होटल में मौत हो गई है। वो अपने भांजे की शादी में अपने पति बोनी कपूर व छोटी बिटिया ख़ुशी के शामिल होने आई थी। फ़िल्म इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम बनाने वाली श्रीदेवी करीब 50 वर्ष तक का अदाकारी में बिताया । मात्र चार वर्ष में ही बाल कलाकार रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी। और तमिल ,कन्नड़, हिंदी  आदि भाषाओं में 200 से अधिक फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा। फ़िल्म फेयर, पद्मश्री जैसे अवार्ड से सम्मानित हुई थी।  चांदनी, सदमा,नगीना,मिस्टर इंडिया,लम्हे,खुदा गवाह, जुदाई, जैसी ब्लॉकबस्टर यादगार फिल्में दी हैं। हमेशा स्वस्थ रहने वाली श्रीदेवी की अचानक उनकी मौत से सारा फ़िल्म इंडस्ट्री सन्न रह गया ,लाखों प्रशंसकों में शोक की लहर फ़ैल गई।  इस घटना के बाद मैं भी बहुत ही शॉक्ड हो गया। ये सोचने पर

राजनीति के मंच पर छन रहे सियासी पकौड़े

‌आजकल देश में समस्याओं को दरकिनार कर राजनीतिक दल पकौड़े के पीछे  चुके हैं। सोशल साइट पर इसे लेकर कोहराम मचा है,कि मोदी जी ने ये कह डाला देश का युवा बेरोजगार पकौड़ा बेचे, घोर अपमान । इतना ही नही विभिन्न दल के नेता पकौड़ा तलते नजर आ रहे हैं। अब बात करें कि ये बात किधर से आई!  विगत 19 जनवरी को देश के एक बड़े चैनल में इंटरव्यू के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बहुत से बेरोजगार लोगों को बैंक से ऋण दिया गया है , जिससे वे अपना छोटा मोटा व्यवसाय खोल सकें। उदाहरण के रूप में चाय व पकौड़े की दुकान खोलने की बात कही, जिससे अपना जीवन यापन कर सके। फिर क्या था विपक्षी राजनीतिक दलों के भी पकौड़े  छनने लगे। इसे तो मुद्दा ही बना दिया गया और युवाओं से जोड़ दिया । कांग्रेस हो या फिर समाजवादी पार्टी के नेता आजकल सड़कों पर उतर कर पकौड़ा तलने  में जुट गए हैं । इनका मानना है कि देश के बेरोजगारों को पकौड़े बनाने की सलाह देकर उनका मोदी जी ने अपमान किया है। ये तो हुई राजनीति की बातें । मोदी जी के बयान के मायने चाहे जितने लगाये जा रहे हों,लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि आज भी देश में लाखो