आप सभी इस डायलॉग से परचित अवश्य होंगे क्यों की ये डायलॉग मशहूर फ़िल्म शोले का है। ये आज की राजनीतिक माहौल में सटीक बैठ रहा है। ममता दीदी के आज दिये बयान ने धर्मनिरपेक्ष का ढोंग रचने वाले नेताओं में इस विवादित बयान ने सन्नाटा फैला दिया है । सब इसे लेकर गूँगे बन गए हैं। ममता ने दुर्गा पूजा व मोहर्रम के एक साथ पड़ने पर लाइन ऑडर की दुहाई देकर एक दिन यानी 01 अक्टूबर के दिन मूर्ति विसर्जन पर पूरे बंगाल में रोक लगा दी है। कोई सेक्युलर नेता ममता सरकार के घटिया निर्णय का विरोध करने हिमाकत कर नही पा रहा है। क्योंकि कही विशेष समुदाय नाराज न हो जाये। इतना ही नही ममता के धुर विरोधी वामपंथी भी विरोध के बजाय हाँ में हाँ मिलाते tv चैनलों के डिवेट में दिख जायेंगे क्योंकि मामला अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ा है। ममता दीदी के इस राजनीति को देख यही लगता है कि उनकी सरकार सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए ही बनी है। बाकी बंगाली जनता के लिए उनकी सरकार में कोई जगह नही है। माँ,मानुष व माटी का नारा शायद ममता सरकार भूल चुकी हैं। जिस प्रकार एक विशेष धर्म की भावनाओं के लिए बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं हहत किया जा रहा है।
EK ANOKHA SACH AAP TAK