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सितंबर, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दिलचस्प बन रही अमेठी की सियासत.......................

दिलचस्प बन रही अमेठी की सियासत....................... अमेठी की राजनीति कितना करवट बदल रही है ये हाल के दिनों में राजनीतिक सरगर्मियां बता रही हैं। कैसे कांग्रेस के युवराज व पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा एक चक्रव्यूह में घेरने की कवायद में जुट गयी है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की करीबी समझे जाने वाली स्मृति ईरानी को उतार कर जहां तगड़ी चुनौती दी थी। जब से लेकर अब तक स्मृति ईरानी बराबर अमेठी में आ रही हैं। और कोई ऐसा मौका नही छोड रही हैं कि जब कांग्रेस को घरने का काम न किया हो। इतना ही नही अब वहीं प्रधानमंत्री के बेहद करीबी समझे जाने वाले रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर को भी राहुल को अमेठी में घेरने के लिए मोदी की एनडीए सरकार ने लगा दिया है। उत्तर प्रदेश में राज्य सभा में गये रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी के ही संसदीय क्षेत्र के एक गांव को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद ले लिया है। जिसको लेकर कांग्रेस के पेशानी पर कुछ ज्यादा ही बल पड़ गया है। अभी तक तो कांगे्रस स्मृति ईरानी के आने को लेकर ही हलाकान रहती थी। कल ही कांग्रेस ने रविवार को अमेठी आ रही केंद्रीय मं

आलोचना करना देशद्रोह !

क्या आलोचना करना देशद्रोह है? : महाराष्ट्र सरकार ने सर्कुलर जारी करके कहा है कि सरकार और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ टिप्पणी करने पर देशद्रोह का केस दर्ज होगा. बड़ा सवाल ये है कि क्या बीजेपी सरकार भी अभिव्यक्ति का गला घोंटने वाली है. सवाल ये भी कि क्या आलोचना करना देशद्रोह है. महाराष्ट्र सरकार ने इसी केस में हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला सर्कुलर जारी किया है जिसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति लिखकर, बोलकर, संकेतों के जरिये या चित्रों के माध्यम से या किसी भी और तरीके से सरकार के प्रतिनिधि या जन प्रतिनिधि के खिलाफ नफरत, अपमान, अलगाव, दुश्मनी, असंतोष, विद्रोह या हिंसा का भाव पैदा करता है या ऐसा करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत कार्रवाई हो सकती है. महाराष्ट्र सरकार के इस आदेश में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के अलावा ज़िला परिषद अध्यक्षों और पार्षदों को भी जन-प्रतिनिधि माना गया है. यानी इन सभी के खिलाफ की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी देशद्रोह के दायरे में मानी जा सकती है. आदेश में आईपीसी की जिस धारा 124ए का जिक्र किया गया है, वो देशद्रोह के मामले में लागू होती है. देशद्रोह

बिन्दास बोल ------

Iभारत के हुक्मरानों को क्या हो गया है कि यह पाकिस्तान से बात करने के लिए बेचैन क्यों रहते हैं। हर बार मिलता है धोखा;झूठ व मक्कारी।कितना चोंचले बाजी कर विश्व को जताने की आवश्यकता नहीं है कि हम सही है। कोई जरूरत नहीं है इस आतंकवादी देश से बात करने की । देश की जनता के मनोदशा को समझना चाहिए और इस पडोसी देश को कठोर सबक सिखाने की आवश्यकता है। लेकिन क्या ऐसा संभव है इस देश के कर्णधार नेता पाकिस्तान को ढंग से सबक सीखा सकेंगे।तभी तो जनता के मुखार विन्दो यही निकलता है

कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद शरीर के अंदर होने वाले प्रभाव

सॉफ्ट ड्रिंक से जुड़ी एक खबर ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। ब्रिटेन के पूर्व फार्मासिस्ट नीरज नाइक ने 'दी रेनिगेड फार्मासिस्ट' नाम के अपने ब्लॉग में कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद शरीर के अंदर होने वाले प्रभावों को सबके सामने लाया है। इस ब्लॉग में उन्होंने दिखाया है कि कोका कोला पीने के 1 घंटे के अंदर शरीर में क्या-क्या होता है। सोशल साइट्स पर भी यह जानकारी काफी वायरल हो रही है। डेली मेल के मुताबिक, नीरज नाइक ने एक ग्राफिक के माध्यम से बताया कि कैसे ये ड्रिंक्स शरीर से जरूरी खनिज तत्व बाहर कर देते हैं और आदमी मानसिक व शारीरिक रूप से बदलने लगता है: पहले 10 मिनट: जब आप कोक का1 कैन पीते हैं तो आपके शरीर में 10 चम्मच शुगर एकसाथ जाती है। ये मात्रा 24 घंटे में लिए गए शुगर के बराबार होती है। अचानक इतना मीठा खाने से आपको उलटी भी हो सकती है लेकिन इसमें मिले फॉस्फोरिक एसिड के कारण ऐसा नहीं होता। 20 मिनट बाद: पीने के 20 मिनट बाद ही पीने वाले की ब्लड शुगर एकदम से बढ़ जाती है, जिसके कारण शरीर से इंसुलिन तेजी से निकलता है। शरीर का लिवर इस पर प्रतिक्रिया करता है और इसे फैट में बदलने लगता ह

न्यायपालिका के फैसलों का लोकतंत्र में समानता के प्रहरी

उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने आज एक पिटीशन पर एक बार फिर ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा है कि मदरसों पर झण्डारोहण एवं राष्ट्रगान अनिवार्य है। अगर ऐसा नही है तो देश का अपमान है जोकि राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में है। माननीय न्यायालय ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि तत्काल सर्कुलर जारी करे। ये बात अहम नहीं कि फैसला कोर्ट ने क्या दिया । इससे अधिक अहम बात ये हैे कि देश की कार्यपालिका को जो करना है वो आज न्यायपालिका कर रही है। कार्यपालिका पर राजनीति इतनी हावी हो गई कि देश हित में क्या हो रहा है इससे अधिक देश के कर्णधारों की राजनीति नफा नुकसान अधिक देखा जा रहा है। इस दरम्यान न्यायपालिका के कुछ महत्वपूर्ण फैसले आये हैं। जोकि समानता के मूल अधिकार को परिलक्षित करता है। प्रोमोशन में आरक्षण, अधिकारियों, न्यापालिका से जुडे बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में पढाये के फैसलों समाज के हर तबकों से भूरि भूरि प्रशंसा मिली है। इसी कडी में मदरसों में झण्डारोहण एवं राष्ट्रगान अनिवार्य करना देश में सामाजिक समानता की ओर माननीय न्यायालय एक औेर कदम है। बिगत वर्षों में जिस प्रकार देश में राजनीति में संकीर्णता दिखी है वह सो