जीवन का सार शास्त्रों, उपनिषदों बाइबिल,कुरान आदि धार्मिक ग्रंथों में भरा पड़ा है। इसे लेकर अनेक विद्वान व विदुषी अपने विचार रखा है।अरस्तू, प्लेटो जैसे अनेक महान विचारकों में अपने अपने मत दिए हैं। सबके अपने विचार व मत हैं। सच तो ये है जीवन में घटित घटनाओं से जीवन के सार का अर्थ मिलता है और वही सही मनुष्यों को नजरिया प्रदान करता है। जीवन जीने कला है, जीवन एक संघर्ष है, जीवन अनमोल है न जाने किन किन वाक्यों से जीवन को अभिभूत किया जाता है। मेरा मानना ये कतई नही है कि ये सारी बातें गलत हैं। मैं तो अपने नजरिये से जीवन को देखता हूँ।जीवन के सार की व्याख्या श्रीमद्भागवत गीता में है जिसमें न केवल धर्म का उपदेश देती है, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती है। महाभारत के युद्ध के पहले अर्जुन और श्रीकृष्ण के संवाद लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। गीता के उपदेशों पर चलकर न केवल हम स्वयं का, बल्कि समाज का कल्याण भी कर सकते हैं। ऐसे ही वर्तमान जीवन में उत्पन्न कठिनाईयों से लडऩे के लिए मनुष्य को गीता में बताए ज्ञान की तरह आचरण करना
EK ANOKHA SACH AAP TAK