सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी

नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी BY LOKDASTAK · SEPTEMBER 18, 2016 नरेंद्र मोदी के 66वें जन्मदिन पर देश और दुनिया के तमाम बड़ी हस्तियों ने उन्हें आज के दिन की मुबारकबाद दी। पीएम मोदी ने आज के दिन की शुरुआत अपनी मां हीराबा से मिलकर की। जैसे ही रात के 12 बजे उसके बाद ट्विटर पर पीएम मोदी को बधाई देने के लिए उनके समर्थकों का तांता लग गया। इसके बाद गांधीनगर में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने भी राज भवन पर पीएम मोदी से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री को फूलों के गुलदस्ते के साथ बधाई दी। नरेंद्र मोदी का जन्म साल 1950 में गुजरात के वडनगर में हुई। चार बच्चों में मोदी तीसरे थे। मोदी के पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे। जहां वह सुबह पिता के साथ चाय बेंचते थे और बाद में स्कूल जाते थे। 6 साल की उम्र में मोदी की मुलाकात रासीभाई दवे से हुई। इस वक्त गुजरात बॉम्बे से अलग होकर स्वतंत्र राज्य बनने की स्थिति में था। मोदी ने रासीभाई से गुजरात के अलग होने वाले पोस्टर लिए और अपने स्कूल के दोस्तों में बांट दिए। 8 साल की उम्र में मोदी ने वडनगर में आरएसएस शाखा में शामिल हो गई। उस उम्र में मोदी शायद संघ की विचारधारा न समझ पाए हों पर इससे मोदी को कुछ अलग करने की प्रेरणा दी। साल 1967 में मोदी ने घर छोड़ दिया। घर छोड़ने के बाद की ज्यादा जानकारी नहीं है। पर ऐसा कहा जाता है कि घर छोड़ने के बाद मोदी कलकत्ता, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी, बिहार और उत्तराखंड में घूमा करते थे। 1970 में मोदी घर वापस आ गए। हालांकि इसके बाद मोदी ने फिर घर छोड़ दिया। इस बार मोदी अहमदाबाद चले गए और अपने रिश्तेदार के यहां कैंटीन में काम करने लगे। 2014 में मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी 66वें जन्मदिन पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत कई बड़ी हस्तियों ने उन्हें ट्विटर पर मुबारकबाद दी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

काश .......कोई मेरी भी सुनता !

  प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जा रहा है,क्योंकि इसी दिन राक्षसराज रावण का अंत करके लंका की जनता को उस की प्रताड़ना से मुक्त करा कर अयोध्या लौटे थे I इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की पूजा भी की जाती है और अपने-अपने घरों को दीप जलाकर सजाया जाता है I इस बार भी अयोध्या में 12 लाख दीप जलाकर योगी की उत्तर प्रदेश सरकार वर्ल्ड रिकार्ड बना रही है I यह एक अच्छी पहल है, होना भी चाहिए ,जिससे कि आने वाली पीढ़ियां हमारी संस्कृति को समझ सके, उन्हें जान सके I लेकिन देश भर में मनाये जा रहे दीपावली त्यौहार पर आर्थिक नीतियों में ग्रहण की तरह घेर रखा है I पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने जनता का दिवाला निकाल दिया है I विगत 02 साल में जहां कोरोना देश की नहीं आम जन के बजट को हिला कर रख दिया है I महंगाई बढ़ने लगी I अब जबकि कोरोना महामारी से लोग उबरने लगे हैं I देश की अर्थव्यवस्था सुधरने लगी है I लेकिन महंगाई पर अभी भी सरकार नियंत्रण करने में पूरी तरह सक्षम नहीं हो पा रही है I इसी बीच पेट्रोलियम पदार्थों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है और यह अब शतक लगाकर पार हो चुका है I ...

संकुचित राजनीति की बदरंग तस्वीर

    जाति-धर्म के फैक्टर में, कोई नहीं है टक्कर में....उक्त स्लोगन आज की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में देखा जाय बिल्कुल सटीक बैठता है I विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में वर्तमान में जिस तरह की राजनीति चल रही है ,आने वाले समय में विषम परिस्थितियों को आमंत्रित करने का कार्य किया जा रहा है I जो न तो लोकतंत्र के सेहत के लिए ठीक होगा न ही आवाम के लिए ही हितकारी होगा I  हमारे राजनीतिक दलों के आकाओं को भी चिन्तन करने की जरूरत है कि सत्ता के लिए ऐसी ओछी राजनीति कर देश की स्थिरता को संकट में डालने का कार्य कर रहे हैं I देश के बड़े-बड़े  अलम्बरदार माइक सम्हालते ही सबसे बड़े देश-भक्त बन जाते हैं I लेकिन चुनाव आते ही वोट पहले और देश बाद में होता है I मंचों पर जो विचारधारा प्रस्तुत करते हैं ,वो चुनावी रणनीति में बदल जाती है I बस एक ही एजेंडा होता है जीत सिर्फ जीत इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं I पार्टी का सिद्धांत तो तेल लेने चला जाता है I अभी हाल के दिनों में कुछ राजनीतिक घटनाओं में उक्त झलक दिखी I पंजाब, उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव होने हैं I जातिगत आधार पर राजनीति शुरू ह...

यूपी चुनाव ने गढ़े नये आयाम

  यूपी में का ....बा ! यूपी में बाबा ... जैसे गीतों की धुन विधानसभा चुनाव 2022 में खूब चले अरे उठापटक के बीच आखिरकार विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ I एक बार फिर योगी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने जा रही है I संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अनेकानेक सवाल भी अपने पीछे छोड़ कर गया है I इस बार यह चुनाव धर्म जाति पर लड़े या फिर राष्ट्रवाद सुरक्षा सुशासन महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चुनाव हुए ? राजनीतिक दलों ने मुद्दे तो खूब उठाएं धर्म जाति दोनों पिचों पर दलों ने जम कर बैटिंग किया चुनाव की शुरुआत में जिन्ना का प्रवेश हुआ हिंदुत्व मुद्दा बना कई दलों में मुस्लिम हितैषी बनने को लेकर होड़ मची दिखी चुनाव का अंत में EVM पर आकर टिक गया I चुनाव काफी दिलचस्प रहा लोगों में अंत तक कौतूहल बना हुआ था कि किसकी सरकार बनेगी I फिलहाल योगी सरकार बन ही गई इस चुनाव में सभी मुद्दों दोही मुद्दे सफल हुए जिसमें राशन व सुशासन I ये सभी मुद्दों पर भारी रहे I पश्चिम उत्तर प्रदेश में सुशासन तो पूर्वी में राशन का प्रभाव दिखा I इस चुनाव में मुस्लिम समुदाय का एक तरफा वोटिंग ने समाजवादी पार्टी को 125 सीटों तक पहुं...