राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी की जनता से रूबरू होने के लिए बुधवार को पहुंच रहे हैं। प्रदेश के विधान सभा के चुनाव नजदीक होने से इस दौरे का महत्व काफी बढ गया है। पार्टी संगठन को चुस्त दुरूस्त व पदाधिकारियों चुनावी तैयारी की घुट्टी पिलाने का कार्य इस दौर में होने की प्रबल सम्भावना है। इन दिनों के दौरे में राहुल गांधी जनता से मिलने के साथ ही विकास योजनाओं का लोकार्पण का भी करेंगे। और संगठन की मजबूती और कार्यकत्ताओं से मिलकर उनमें जोश भरने का भी काम करेंगे। इन सबसे इतर इस बात के लिए दौरा महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा भी तिरंगा यात्रा करके पूरे क्षेत्र में अलख जगाया और कार्यक्रमों को सफल बनाने साथ ही कार्यकर्ताओं में जोश भरने में सफल रहा। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो मोदी की रैली भी अमेठी क्षेत्र में हो सकती है। और अपने बूथों को मजबूती प्रदान करने व कार्यकत्र्ताओं की फौज तैयार करने में जुटी है। जोकि कांग्रेस के लिए सम्भावित चुनाव में चुनौती बन सकती है। हां कांग्रेस के लिए इतना अवश्य सकून देने वाला है कि लोकसभा चुनाव के बाद जिस प्रकार मोदी की टीम की सशक्त नेत्री स्मृति ईरानी जिस प्रकार अब तक कांग्रेस व गांधी परिवार को घेरा था। कांग्रेसियों के माथे पर शिकन पड गई थी। वह अब नही दिख रही है। क्योंकि एक लम्बे अरसे से स्मृति ईरानी अमेठी नही आयी । वरना दोनों बडे नेताओं के कार्यक्रम आगे पीछे लग जाते थे। आगे ऐसा होगा ये तो वक्त बतायेेगा। कांग्रेस की 27 साल यूपी बेहाल यात्रा का भी अमेठी में जोरदार स्वागत हुआ । जिससे कार्यकर्ताओं में थोडा उत्साह अवश्य दिखा। इससे पूर्ब तिलोई विधानसभा के कांग्रेस विधायक डा0 मुस्लिम जैसे वरिष्ठ नेता का पार्टी छोडकर बसपा में शामिल होना कांग्रेस पार्टी के लिए एक बडा झटका साबित हुआ है। राहुल गांधी की तीन दिवसीय अमेठी यात्रा अवश्य ही आगामी यूपी विधानसभा चुनाव से जोड कर देखा जा रहा है। आने वाले समय में राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी बडी जिम्मदारी सौंप सकती है। उधर कांग्रेस व राहुल गांधी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव अग्नि परीक्षा के समान है। फिलहाल अपने युवराज राहुल गांधी के लिए पार्टी के पदाधिकारी इस दौरे को सफल बनाने में दिन रात जी जान से जुटे हैं। उधर जिला प्रशासन भी जिला निगरानी समिति की बैठक में राहुल गांधी के सवालों के जबाब देने की तैयारी में जुटा हुआ है क्योंकि सांसद निधि के विकास कार्यो को लेकर मुद््दा गर्माने की पूरी संभावना है। राहुल गांधी का अमेठी दौरे का सभी को इंतजार है।
हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आजादी के बाद देश में एक विस्तृत संविधान लागू हुआ। जिसमें लिखा गया कि देश का हर नागरिक अमीर- गरीब,जाति-धर्म,रंग-भेद,नस्लभेद क्षेत्र-भाषा भले ही अलग हो लेकिन मौलिक अधिकार एक हैं।कोई भी देश का कोई भी एक कानून उपरोक्त आधार बांटा नही जाता है । सभी के लिए कानून एक है। अगर हम गौर करें शायद ये हो नही रहा है। एक कानून होते हुए व्यवस्थाएं दो हो गई है। आम आदमी के लिए कानून व्यवस्था संविधान के अनुसार होती हैं। लेकिन विशिष्ट लोगों के लिए व्यवस्था बदल जाती है।विशेष रूप से राजनेताओं के लिए कानून व्यवस्था का मायने ही बदल जाता है। उदाहरण के तौर पर आमजन कानून हाथ में लेता है तो पुलिस उसे सफाई देने तक का मौका नही देती है और जेल में ठूंस देती है। वहीं राजनेता कानून अपने हाथ लेता है ,तो वही पुलिस जांच का विषय बता कर गिरफ्तारी को लेकर टालमटोल करती है। क्या एक कानून दो व्यवस्था नही है ! लालू का परिवार भ्रष्टाचार में फंस गया है, इसे लेकर सीबीआई की कार्यवाही को लालू प्रसाद यादव राजनीति से प्रेरित और केंद्र सरकार पर बदले की भावना से कार्यवाही का आरोप लगा रह
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