अमेठी। शनिवार को राजर्षि रणञ्जय सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नाॅलाजी के कैम्पस मे बॉलीवुड के स्टार गीतकार और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। छात्रों के बीच अपने को पाकर मनोज मुंतशिर अपने पुरानी यादों मे खो गए। अमेठी जनपद के गौरीगंज मे जन्मे मनोज शुक्ला आज कामयाबी के बुलंदियों पर हैं और फिल्म जगत मे अपने लिए अलग पहचान बना लिया है। ‘एक विलेन’ फिल्म के ‘गलियाँ तेरी गलियाँ’ गीत के लिए आईफा अवार्ड पाने वाले मुंतशिर जी पहले भी स्टार गिल्ड तथा इंडियन टेली अवार्ड जैसे कई अन्य अवार्ड पा चुके हैं। मनोज मुंतशिर ने बतौर गीतकार पहली फिल्म ‘दी ग्रेट इंडियन बटर फ्लाइ’ किया तथा बाहुबली जैसे सुपर हिट फिल्मो मे संवाद लेखन का कार्य किया। दर्जनो फिल्मों के गीत लिख चुके मुंतशिर जी ने अपने प्रशंशकों को पीके, कपूर एंड संस, वजीर, जय गंगाजल, राकी हैंडसम, रंग रसिया, बेबी, दो दूनी चार जैसी हिट तथा लोकप्रिय फिल्में दीं। अभी 12 अगस्त को रिलीज अक्षय कुमार की फिल्म ‘रुशतम’ का सुपर हिट गीत ‘तेरे संग यारा खुशरंग बहरा’ के बोल भी मुंतशिर जी के दिये हुये है। मुंतशिर जी के सम्मान समारोह के कार्यक्रम ने आरआरएसआईएमटी के छात्रों मे जोश भर दिया। राम कृपा सिंह ने ‘मै तुझसे प्यार नहीं करता’ तथा उमा गुप्ता ने ‘लग जा गले’ गीत से मुंतशिर जी का स्वागत किया। छात्रों की तरफ से आभेष मौर्य ने ‘मैनु काला चश्मा’ गाने पर एकल डांस तथा अक्षरा और ग्रुप ने ‘छम-छम’ गीत पर ग्रुप डांस प्रस्तुत किया। मुंतशिर जी के बचपन के जिगरी दोस्त और संस्थान के संयुक्त सचिव डॉ दीपक सिंह ने अपने स्कूल के पुराने दिन याद करते हुये बताया कि मनोज बचपन से ही हम लोगों को गीत और शायरी सुनाया करते थे और ये इनके सपनों कि ताकत ही है कि आज ये इतनी ऊंचाइए हासिल कर चुके हैं। उस वक्त कि बात करते हुये डॉ दीपक सिंह ने कहा कि जब मनोज बंबई के लिए ट्रेन पर बैठ रहे थे तो मैंने उन्हें एक पेन और ग्रीटिंग भेंट करते हुये उसी ग्रीटिंग पर लिखा कि ‘जाने कि जिद है तो जीत के आना’ और आज वो सारा जहां जीत के आए हैं। संस्थान के निदेशक कर्नल एस के गिगू ने कहा कि बड़े शहरों कि छमता समाप्त हो रही है, वास्तव मे प्रतिभा छोटे शहरों मे ही है। । अमेठी जैसे छोटे शहर से होकर भी आज मुंतशिर जी कामयाबी कि इतनी ऊंचाई पा चुके हैं जो दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणा है। कार्यक्रम मे मुंतशिर जी ने छात्रों के सवालों का जवाब देते हुये कहा कि मेरी कलम मे स्याही अमेठी भरता है। बड़े शहर छोटे शहरों के हुनर से जिंदा हैं। मुंतशिर जी ने यह भी कहा कि सफल होने वालों को सफलता प्राप्ति के लिए कभी संदेह नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम के पश्चात आयोजित प्रेस वार्ता मे मुंतशिर जी ने अपने आने वाली फिल्मों के बारे मे भी बताया। उन्होने कहा कि आगे आप एमएस धोनी, काबिल, बाहुबली भाग दो जैसी फिल्में देख पाएंगे। इस अवसर पर आरआरपीजी कालेज के प्राचार्य डॉ लाल साहब सिंह, रानी सुषमा देवी महाविद्यालय कि प्राचार्या डॉ पूनम सिंह, राजर्षि रणञ्जय सिंह कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य अनूप मैटी, आशीष त्रिपाठी समेत संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष, शिक्षक तथा स्टाफ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन उमा गुप्ता ने किया तथा सफल संयोजन प्रवेश श्रीवास्तव ने किया।
हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आजादी के बाद देश में एक विस्तृत संविधान लागू हुआ। जिसमें लिखा गया कि देश का हर नागरिक अमीर- गरीब,जाति-धर्म,रंग-भेद,नस्लभेद क्षेत्र-भाषा भले ही अलग हो लेकिन मौलिक अधिकार एक हैं।कोई भी देश का कोई भी एक कानून उपरोक्त आधार बांटा नही जाता है । सभी के लिए कानून एक है। अगर हम गौर करें शायद ये हो नही रहा है। एक कानून होते हुए व्यवस्थाएं दो हो गई है। आम आदमी के लिए कानून व्यवस्था संविधान के अनुसार होती हैं। लेकिन विशिष्ट लोगों के लिए व्यवस्था बदल जाती है।विशेष रूप से राजनेताओं के लिए कानून व्यवस्था का मायने ही बदल जाता है। उदाहरण के तौर पर आमजन कानून हाथ में लेता है तो पुलिस उसे सफाई देने तक का मौका नही देती है और जेल में ठूंस देती है। वहीं राजनेता कानून अपने हाथ लेता है ,तो वही पुलिस जांच का विषय बता कर गिरफ्तारी को लेकर टालमटोल करती है। क्या एक कानून दो व्यवस्था नही है ! लालू का परिवार भ्रष्टाचार में फंस गया है, इसे लेकर सीबीआई की कार्यवाही को लालू प्रसाद यादव राजनीति से प्रेरित और केंद्र सरकार पर बदले की भावना से कार्यवाही का आरोप लगा रह
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