कितने ही वादे करवालो नेताओं का क्या जाने वाला अभी जैसा चाहो उन्हें नचाओ उनका क्या जाने वाला कुछ दिन और बचे हैं जितनी चाहो खुशी मनालो फिर तो रोना ही रोना है ईश्वर भी नहीं बचाने वाला..... लोक सभा के चुनाव का पारा धीरे धीरे चढने लगा है, प्रचार के दौरान नेता माथा भी गरमाने लगा है, भाषण में बोल जायें उन्हे भी पता नही हेै।आचार संहिता की नियमावली की धज्जियां उडना शुरू हो चुकी है। साम्प्रदायिकता का सुर्ख होने लगा है, धर्म के ठेकेदार सक्रिय हो चुके हैं और अपने धर्म व जाति ठेका लेना शुरू कर चुके हैं। मौलाना के फतवे जारी होने लगे हैं तो दूसरे धर्म के लोग योगा के ही बहाने अपनी बात मनवाने पर तुले हुए हैं।नेता भी अपना संयम खो रहे हैं।राहुल इन्दिरा को बेल्लारी से लडा रहे हैं,तो वहीं वरूण गांधी को राहुल गांधी द्वारा अमेठी में कराये गये विकास दिखायी देने लगा।राजस्थान की मुख्यमंत्री कांग्रेस के लोकसभा क्षेत्र सहारनपुर प्रत्याशी इमरान मसूद के मोदी के विरूद्ध विवादास्पद का जबाब उसी अंदाज में दे डाला। इतना ही नही भाजपा के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने वोट से बदला लेने की बात मुजफ्फरनगर की जनसभा मे...
EK ANOKHA SACH AAP TAK