देशद्रोहियों पर कार्यवाही या फिर चुनावी स्टंट!

हम लेके रहेंगे ,आजादी आजादी ! भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह! जैसे नारों से देश के ऐतिहासिक सेंट्रल यूनिवर्सिटी जेएनयू का परिसर 3 वर्ष पूर्व 9 फरवरी 2016 को गूंज उठा था। वक्त था आतंकवादी अफजल गुरु की बरसी का, जिसमें उस तथाकथित छात्रों ने सभा करके अफजल गुरु की बरसी मनाई जा रही थी। जिसमें कन्हैया कुमार जोकि जेएनयू का छात्र संघ अध्यक्ष था ,उमर खालिद, शहला राशिद, अपराजिता,एजाज खान जैसे वामपंथी भी शामिल थे। जिसमें देश विरोधी नारे लगे। इसके वीडियो वायरल होने लगे। तब एबीपी कार्यकर्ता द्वारा बसंत कुञ्ज में 124A के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए 12 फरवरी को कन्हैया कुमार सहित दर्जनों को गिरफ्तार किया । वहीं उमर व अनिर्बन 24 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर किया था । लेकिन उस संशय का लाभ लेकर ये 03 मार्च को अंतरिम जमानत पर छूट गए । दिल्ली पुलिस उस वक्त कोई ठोस सपूत नहीं जुटा पाई । लेकिन 36 माह बाद पुलिस ने इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य समेत कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिसमें सात कश्मीरी छात्र भी शामिल हैं। इस प...