उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के तिलोई क्षेत्र के सेमरौता कस्बे के निकट रामपुर पंवांरा गाँव में
हैदरगढ़ सेमरौता मार्ग पर स्थित दतेहरेश्वर शिव मंदिर पांडव कालीन बताया जाता है
ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अज्ञात वास के दौरान परिवार के साथ यहीं पर भगवान
भोले नाथ की पूजा की थी ।
अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने की थी पूजा
क्षेत्र के बहु प्रतिष्ठित मंदिरों में शुमार होने वाले दतेहरेष्वर
शिव मंदिर के बारे में स्थानीय स्तर पर कई कथायें प्रचलित हैं। धरातल से लगभग बारह
फिट की ऊँचाई पर बने इस शिव मंदिर के गर्भ गृह में मौजूद शिव जी के लिंग के बारे
में मान्यता है कि द्वापर युग के दौरान जब पांडव राजा विराट के यहाँ अज्ञात वास
बिताने के लिये शरण लिये थे।तो उसी समय महाशिवरात्रि का पर्व पड़ गया तो यहीं पर
लिंग स्थापित कर परिवार सभी पांडवों ने शिव जी को जलाभिषेक कर पूजा की थी ।समय
बीतने के साथ ही लिंग अदृश्य हो गया था।समय बीतता गया और मुगल काल के दौरान एक मुस्लिम
आक्रांता ने खजाने के लालच में इस स्थान पर मौजूद एक विशालकाय टीले में खजाना
मौजूद होने की जानकारी होने पर टीले की खुदाई शुरू करायी तो उसे शिव लिंग दिखायी
देने लगा जिसे हटाने का प्रयास किया पर वह एैसा वह कर सका थक हार कर उसने लिंग को
छतिग्रस्त करने का निर्णय ले लिया जो उसके लिये घातक साबित हुआ और लिंग को छेड़ते
ही बर्र अर्थात दतैया के झुंड ने आक्रमण कर दिया जिसके चलते वह आक्रांता भाग निकला
और तभी से इस मंदिर का नाम दतेहरेश्वर पड़ गया इस शिव मंदिर पर भक्तों की अपार
श्रद्धा है प्रत्येक सोमवार को क्षेत्र के सैकडों भक्त शिव जी के लिंग पर जलाभिषेक
कर भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं ।मंदिर परिसर में लगातार धार्मिक आयोजन चलते
रहते है शिवरात्रि सहित विभिन्न मौकों पर भगवान के दरबार में मेले का आयोजन होता
है।
@NEERAJ SINGH
जय भोलेनाथ
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