कश्मीरियत,इंसानियत,जम्हूरियत की नीति कश्मीर में हिंसा को रोक पाने में कितनी सफल होगी। ये तो आने वाले वक्त में पता चलेगा। कश्मीर के हालात के जिम्मेदार आज भी अशांति फैलाने में कोई कोर कसर नही छोड रहे हैं। 50 दिन से अधिक हो गये हैं लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। आज तक वहां कांग्रेस के अतिरिक्त क्षेत्रीय दलों की सरकारें रही हैं।स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को नरक में तब्दील करने की नापाक कोशिश पडोसी मुल्क पाकिस्तान दशकों से करता है आया। हमेशा कश्मीर मुद्दे का अंर्राष्ट्रीयकरण करने से बाज नही आता है। लेकिन जब इसे इसमें सफलता नही मिलती दिखी,तब इसने छदृम नीति अपनायी और अपने यहां आतंकियो ट्रेनिंग देकर हिंसा फैलाने के लिए कश्मीर की सीमा में घुसपैठ कराने लगा। और कश्मीर के अलगाववादियों के सुर में सुर मिलाने लगा। इसी कडी का नतीजा है कि आज अलगाववादियों के साथ मिलकर कश्मीर के युवाओं को भडकाने का काम किया जा रहा है। दो माह बीतने को है अभी कश्मीर के हालात सुधर नही रहे हैं। ये वाकये कोई नये नही हैं इससे पहले भी वहां के हालात बिगड चुके हैं लेकिन इस बार माहौल अलग है क्योंकि सेना पर जो पत्थर फेंके जा ...
EK ANOKHA SACH AAP TAK