सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सावधान! होली का रंग, ना हो जाए बदरंग


मौज मस्ती का त्यौहार होली को लेकर बच्चे या युवा या फिर हो बूढ़े सब पर एक ही रंग चढ़ा रंग चढ़ा होता है वह है मस्ती इस त्यौहार को लेकर लोगों में विशेषकर युवाओं बच्चों में उमंग व में उमंग व उत्साह देखते ही बनता है। होली के दिन रंगोली की तरह रंगा हुआ होता है। लेकिन जिन रंगों का हम प्रयोग प्रयोग करते हैं । उसको लेकर क्या हम सोचते हैं कि यह रंग हमारे शरीर को कितना नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। नहीं इसका अनुमान लोगों को कम ही रहता है। इसलिए इन रासायनिक रंगों से बचने की आवश्यकता है। क्योंकि यह जितना ही हानिकारक होता है , उतना ही प्राकृतिक रंग हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसलिए रासायनिक रंगों के प्रति सावधानी बरतना अति आवश्यक है । जहां एक तरफ फलों सब्जियों व फलों के रंग सेहत के के लिए लाभकारी होते हैं । वहीं रासायनिक रंग सेहत के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं । क्या हैं प्राकृतिक रंगों से स्वास्थ्य के लिए लाभ अब हम बात करते हैं प्राकृतिक रंगों की जिसमें काले रंग के लिए जामुन काला अंगूर अंगूर रसभरी मुनक्का आलूबुखारा आदि में पाए जाते हैं । जो शरीर को लाभ देने का कार्य करते हैं। फल एवं सब्जियों का रंग लाल होने पर उनमें फाइटोन्यूटीन्टस,लाइकॉपीन और एंथोसाइनिन्स तत्व तत्व मौजूद होते हैं। टमाटर पपीता तरबूज लाइकापीन में प्रोस्टेट कैंसर से बचाने और झुर्रियों से लड़ने का गुण होता है । हरे रंग का फल एवं सब्जियों में क्लोरोफिल नामक तत्व होता है , जिससे रंग हरा हो जाता है। जिसमें ल्यूटिन और जीवजेन्थीन पीले रंग के दो दो कैरोटेनायड्स होते हैं । नीला और बैगनी सब्जियों व फलों में फाइटोकेमिकल्स मसलन एंथोसाइनीन्स और फेनोलिक्स होते हैं । जो कैंसर, दिल की बीमारी और अल्जाइमर जैसे रोगों को रोकने और नियंत्रित करने का काम करते हैं । टमाटर का जूस सास,और केचअप शरीर में आसानी से पच जाते हैं । स्ट्रॉबेरी,लाल अंगूर चेरी, लाल सेब आदि में मौजूद एन्थोसाइनीन से शरीर में कोशिकाओं की काफी जल्दी मरम्मत होती है तथा ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। मटर पालक ,पत्ता गोभी और दूसरी पत्तियों वाली सब्जियों में यह तत्व मौजूद होता है। इसके अतिरिक्त ब्रोकाली व पत्तागोभी जैसी हरी सब्जियों में अधिकतम मात्रा में फाइबर पोटेशियम मैग्नीशियम और फोलेट होते होते हैं, जो शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। रसायानिक रंगों के दुष्प्रभाव.... रासायनिक रंगों से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है अगर हम बात करें काले रंग की इसके प्रयोग से इस में पाए जाने वाले तत्व पाए जाने वाले तत्व लीड ऑक्साइड शरीर में गुर्दे को प्रभावित करता है और दिमाग को कमजोर करता है हरा रंग में पाए जाने वाले कॉपर सल्फेट कॉपर सल्फेट सल्फेट से आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ता है अस्थाई अंधता भी आ जाती है वहीं सिल्वर रंग का प्रयोग करने से एल्युमिनियम तत्व से कैंसर होने की संभावना होती है । अगर हम नीला रंग का प्रयोग करते हैं इसमें पाये जाने वाले प्रसिओंन ब्लू तत्व से त्वचा में सूजन आ जाती है। लाल रंग में मिलने वाले मर्क्युरिक सल्फाइड तत्व से चर्म कैंसर होने की सम्भावना होती है। नहीं बैगनी रंग के प्रयोग से उस में में मिलने वाले क्रोमियम आयोडाइड तत्व से त्वचा में एलर्जी व जलन होती है। इसलिए हमें फसाने तरंगों का प्रयोग से बचना चाहिए। रंगों के प्रयोग पर चिकित्सक की सलाह डॉक्टर संदीप चौरसिया ने बताया कि होली में इस्तेमाल होने वाले रंग अधिकांश का रसायनिक प्रयोग से बने होते हैं जिनका शरीर जिनका शरीर होते प्रयोग से बने होते हैं जिनका शरीर जिनका शरीर रसायनिक प्रयोग से बने होते हैं जिनका शरीर जिनका शरीर होते प्रयोग से बने होते हैं जिनका शरीर जिनका शरीर पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है प्रयोग करने से सबसे अधिक त्वचा को नुकसान करता है और बचा में जलन जैसी होने लगती है यहां तक की आंखों में पड़ने में पड़ने पर आंख की रोशनी भी जा सकती है और अधिक प्रयोग करने से कैंसर जैसे गंभीर रोग होने की संभावना होती है इसलिए अगर रंग का ही प्रयोग किया जाए तो प्राकृतिक रंगों हर्बल रंगों का ही प्रयोग किया जाए त्योहारों में खाद्य पदार्थों में भी रंगों पदार्थों में भी रंगों का मिलावट होने से यह खाद्य पदार्थ हानिकारक हो जाते हैं इसलिए इन रासायनिक रंगों से हमें सावधान रहने रासायनिक रंगों से हमें सावधान रहने सावधान रहने की जरूरत है और इस मौज मस्ती की होली के रंग हमारे जीवन को कहीं बदरंग ना करते इससे हमें सावधान रहने की जरूरत है। @NEERAJ SINGH

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

काश .......कोई मेरी भी सुनता !

  प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जा रहा है,क्योंकि इसी दिन राक्षसराज रावण का अंत करके लंका की जनता को उस की प्रताड़ना से मुक्त करा कर अयोध्या लौटे थे I इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की पूजा भी की जाती है और अपने-अपने घरों को दीप जलाकर सजाया जाता है I इस बार भी अयोध्या में 12 लाख दीप जलाकर योगी की उत्तर प्रदेश सरकार वर्ल्ड रिकार्ड बना रही है I यह एक अच्छी पहल है, होना भी चाहिए ,जिससे कि आने वाली पीढ़ियां हमारी संस्कृति को समझ सके, उन्हें जान सके I लेकिन देश भर में मनाये जा रहे दीपावली त्यौहार पर आर्थिक नीतियों में ग्रहण की तरह घेर रखा है I पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने जनता का दिवाला निकाल दिया है I विगत 02 साल में जहां कोरोना देश की नहीं आम जन के बजट को हिला कर रख दिया है I महंगाई बढ़ने लगी I अब जबकि कोरोना महामारी से लोग उबरने लगे हैं I देश की अर्थव्यवस्था सुधरने लगी है I लेकिन महंगाई पर अभी भी सरकार नियंत्रण करने में पूरी तरह सक्षम नहीं हो पा रही है I इसी बीच पेट्रोलियम पदार्थों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है और यह अब शतक लगाकर पार हो चुका है I ...

संकुचित राजनीति की बदरंग तस्वीर

    जाति-धर्म के फैक्टर में, कोई नहीं है टक्कर में....उक्त स्लोगन आज की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में देखा जाय बिल्कुल सटीक बैठता है I विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में वर्तमान में जिस तरह की राजनीति चल रही है ,आने वाले समय में विषम परिस्थितियों को आमंत्रित करने का कार्य किया जा रहा है I जो न तो लोकतंत्र के सेहत के लिए ठीक होगा न ही आवाम के लिए ही हितकारी होगा I  हमारे राजनीतिक दलों के आकाओं को भी चिन्तन करने की जरूरत है कि सत्ता के लिए ऐसी ओछी राजनीति कर देश की स्थिरता को संकट में डालने का कार्य कर रहे हैं I देश के बड़े-बड़े  अलम्बरदार माइक सम्हालते ही सबसे बड़े देश-भक्त बन जाते हैं I लेकिन चुनाव आते ही वोट पहले और देश बाद में होता है I मंचों पर जो विचारधारा प्रस्तुत करते हैं ,वो चुनावी रणनीति में बदल जाती है I बस एक ही एजेंडा होता है जीत सिर्फ जीत इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं I पार्टी का सिद्धांत तो तेल लेने चला जाता है I अभी हाल के दिनों में कुछ राजनीतिक घटनाओं में उक्त झलक दिखी I पंजाब, उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव होने हैं I जातिगत आधार पर राजनीति शुरू ह...

यूपी चुनाव ने गढ़े नये आयाम

  यूपी में का ....बा ! यूपी में बाबा ... जैसे गीतों की धुन विधानसभा चुनाव 2022 में खूब चले अरे उठापटक के बीच आखिरकार विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ I एक बार फिर योगी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने जा रही है I संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अनेकानेक सवाल भी अपने पीछे छोड़ कर गया है I इस बार यह चुनाव धर्म जाति पर लड़े या फिर राष्ट्रवाद सुरक्षा सुशासन महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चुनाव हुए ? राजनीतिक दलों ने मुद्दे तो खूब उठाएं धर्म जाति दोनों पिचों पर दलों ने जम कर बैटिंग किया चुनाव की शुरुआत में जिन्ना का प्रवेश हुआ हिंदुत्व मुद्दा बना कई दलों में मुस्लिम हितैषी बनने को लेकर होड़ मची दिखी चुनाव का अंत में EVM पर आकर टिक गया I चुनाव काफी दिलचस्प रहा लोगों में अंत तक कौतूहल बना हुआ था कि किसकी सरकार बनेगी I फिलहाल योगी सरकार बन ही गई इस चुनाव में सभी मुद्दों दोही मुद्दे सफल हुए जिसमें राशन व सुशासन I ये सभी मुद्दों पर भारी रहे I पश्चिम उत्तर प्रदेश में सुशासन तो पूर्वी में राशन का प्रभाव दिखा I इस चुनाव में मुस्लिम समुदाय का एक तरफा वोटिंग ने समाजवादी पार्टी को 125 सीटों तक पहुं...