अमेरिका के नए 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले लिया है। इस अवसर पर लाखों उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए अमेरिका फर्स्ट का नारा देते हुए कहा क़ि ये सत्ता मेरी नहीं जनता की है।मुश्किलओं में लड़ना सीखा है।देश में अभी बदलाव लाना है।हमारा राष्ट्र एक है सब मिलकर आगे बढ़ेंगे।कई दशकों तक उन्नति रुकी है इंफ्रास्ट्रक्चर रुक हुआ है अनेक देशों को अमीर बनाया और हम पिछड़ते गए। अब हमभविष्य को देखेंगे। आज हमारी आवाज हर घर में सुनी जाए। यही हमारा दृष्टिकोण हो। हम अमेरिका के लिए सोचेंगे और अमेरिका को अपना उत्पादन और देश निर्माण करेंगे। इस्मालिक आतंकवाद समाप्त करेंगे। अब खाली बात करने का नहीं काम करने समय है। कुरीतियों को समाप्त कर अच्छे काम करें इसी में गर्व की बात होगी।सभी के सपने हमारे सपने हैं। हम सभी मिलकर अमेरिका को गौरवशाली सशक्त ,सुरक्षित व महान बना सकते हैं।
हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आजादी के बाद देश में एक विस्तृत संविधान लागू हुआ। जिसमें लिखा गया कि देश का हर नागरिक अमीर- गरीब,जाति-धर्म,रंग-भेद,नस्लभेद क्षेत्र-भाषा भले ही अलग हो लेकिन मौलिक अधिकार एक हैं।कोई भी देश का कोई भी एक कानून उपरोक्त आधार बांटा नही जाता है । सभी के लिए कानून एक है। अगर हम गौर करें शायद ये हो नही रहा है। एक कानून होते हुए व्यवस्थाएं दो हो गई है। आम आदमी के लिए कानून व्यवस्था संविधान के अनुसार होती हैं। लेकिन विशिष्ट लोगों के लिए व्यवस्था बदल जाती है।विशेष रूप से राजनेताओं के लिए कानून व्यवस्था का मायने ही बदल जाता है। उदाहरण के तौर पर आमजन कानून हाथ में लेता है तो पुलिस उसे सफाई देने तक का मौका नही देती है और जेल में ठूंस देती है। वहीं राजनेता कानून अपने हाथ लेता है ,तो वही पुलिस जांच का विषय बता कर गिरफ्तारी को लेकर टालमटोल करती है। क्या एक कानून दो व्यवस्था नही है ! लालू का परिवार भ्रष्टाचार में फंस गया है, इसे लेकर सीबीआई की कार्यवाही को लालू प्रसाद यादव राजनीति से प्रेरित और केंद्र सरकार पर बदले की भावना से कार्यवाही का आरोप लगा रह
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