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अपनो के बीच हिंदी बनी दोयम दर्जे की भाषा !

 





हिंदी दिवस पर विशेष---


 जिस देश में हिंदी के लिए 'दो दबाएं' सुनना पड़ता है और 90% लोग अंग्रेजी में हस्ताक्षर करते हैं..जहाँ देश के प्रतिष्ठित पद आईएएस और पीसीएस में लगातार हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के साथ हो रहा अन्याय और लगातार उनके गिरते हुए परिणाम लेकिन फिर भी सरकार के द्वारा हिंदी भाषा को शिखर पर ले जाने का जुमला।।


उस देश को हिंदी_दिवस की शुभकामनाएं

उपरोक्त उद्गगार सिविल सेवा की तैयारी कर रहे एक प्रतियोगी की है। इन वाक्यों में उन सभी हिंदी माध्यम में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों की है । जो हिन्दी साहित्य की दुर्दशा को बयां कर रहा है। विगत दो-तीन वर्षों के सिविल सेवा के परिणाम ने हिंदी माध्यम के छात्रों को हिलाकर रख दिया है। किस तरह अंग्रेजियत हावी हो रही है इन परीक्षाओं जिनमें UPSC व UPPCS शामिल है इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है। हाल ही में दो दिन पूर्व UPPCS की टॉप रैंकिंग में हिन्दी माध्यम वाले 100 के बाहर ही जगह बना पाए । जो कभी टॉप रैंकिंग में अधिकांश हिंदी माध्यम के छात्र सफल होते थे । लेकिन अब ऐसा नही है। आज लाखों हिंदी माध्यम के प्रतिभागियों के भविष्य अंधकार में है। लेकिन सरकार इस तरफ से बेखबर है।जिस देश की राष्ट्रभाषा हिंदी हो , 40% हिंदी भाषी हों,77%हिंदी समझने वाले हों। उस देश हिंदी की ये हालत है। अपने ही घर मे ही आज हिंदी बेगानी हो चली है।

https://www.lokdastak.com/2020/09/blog-post_9.html?m=1

जिस भाषा को 176 देश मे बोलने वाले लोग हैं।विश्व की चौथी सबसे अधिक 120 करोड़ लोगों द्वारा बोलने वाली भाषा है। विश्व के अनेक देशों में दर्जनों विश्विद्यालयों में हिन्दी भाषा पढ़ाई जा रही है, ये हमारे व देश के लिए गौरव की बात है। लेकिन हमारे ही देश मे हिंदी को जो गौरव मिलना चाहिए वो नही मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण देश की राजनीति है और इसकी उपेक्षा है। सरकार का इसके प्रति रूखापन भी है। अंग्रेजी धीरे-धीरे समाज के सभी वर्ग में पैठ बना चुकी है।वहीं सरकार का हिन्दी पर जमकर जुमले बाजी की जाती है , लेकिन ठोस पहल नहीं होती है। आज हिंदी इन्ही नीतियों के चलते हमारी मातृभाषा दोयम दर्जे की भाषा बन कर रह गई है।यही कारण कारण है अंग्रेजी मानसिकता के शिकार हिंदी माध्यम से तैयारी कर रहे बच्चों पर पड़ रहा है। आईए हम सभी मिलकर हिंदी दिवस के अवसर पर अपनी प्यारी मातृ भाषा के गौरव को वापस लाने के लिए ठोस पहल का संकल्प लें। 

 आप सभी बोझिल मन से हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।

@NEERAJ SINGH

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