सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

स्त्री,हमारी सोच और समाज

‌हमारी सोच से ही समाज की रूपरेखा तैयार होती है। कहने का मतलब ये है कि आप जिस नजरिये से समाज को देखते हैं, उस रूप में समाज दिखेगा। यानी आपके मन मष्तिष्क में चलने वाली फीचर ही पर सब कुछ निर्भर है। समाज में तो अच्छा बुरा सब कुछ है। अब आपको सोचना है कि अच्छे को अपनाया जाय फिर समाज की बुराइयों को अपनाना ठीक होगा,फैसला तो आपके मन पर है। महिलाओं के सशक्तिकरण कारण की बात करते हैं। लेकिन उनका सशक्तिकरण हमारे समाज को हजम नही हो पाता है। अगर घर की बहू सर्विस करने लगती हैं। तो लोग उसके बारे न जाने क्या सोचने लगते हैं।इतना ही नही चारित्रिक दोष का सर्टिफिकेट देने लगते हैं। जब उसके परिजन इन घटिया बातों को ध्यान नहीं देंगे , तब कहना शुरू करेंगे कि बहू कमाए तो घरवाले खाएँ। लेकिन जब तक वही बहू अपने मायके में बेटी बन कर कमाती तो कोई कहने वाला नही होगा। समाज में रहे रेपकांड  को पुरूष प्रधान समाज इसके लिए महिलाओं को ही दोषी माना जाता है।कम कपडे पहनना  ,अंगो का खुलापन इसका कारण मन जाता है।लेकिन जब 5साल से भी कम व 55 साल से अधिक महिलाओं के साथ रेप होना कम कपडे पहनना कारण है, कदापि ही नही है। ये विकृत मानसिकता का परिचायक है। जो कि समाज को भी विकृत व संकुचित सोच के दायरे में में डालता है। हम बात करते हैं पुरुषों की जब तक इनके मन से महिलाओं को उपभोग की वस्तु  की समझ को हटा कर बराबर की सहभागिता का दर्जा देने पर समाज में भी परिवर्तन अवश्य दिखेगा। महिलाओं पर चरित्र हनन जैसी सोच को मन से निकालना होगा। राहुल गांधी का गुजरात में दिये गए हालिया बयान में कि आरएसएस की कैम्प में स्कर्ट  महिलाये नही होती हैं। इस ब्यंगात्मक भरे प्रश्न में महिलाओ को कमजोर मानकर चलन भर हैं।और स्मृति ईरानी ने इसे महिलाओं की शक्ति अपमान हैं। महिलाओं के पग सशक्तिकरण को ओर बढ़ रहे हैं। इसमें पुरूषों की सहभागिता आवश्यक है। आइये हम सभी पुरुषों को महिलाओं के प्रति बनी अवधारणा को  को बदलना होगा। सभी हमारा समाज बदलाव की ओर उन्मुक्य होंगे। और महिलाओं को सशक्त बानाया जा सकता है।
@NEERAJ SINGH

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

काश .......कोई मेरी भी सुनता !

  प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जा रहा है,क्योंकि इसी दिन राक्षसराज रावण का अंत करके लंका की जनता को उस की प्रताड़ना से मुक्त करा कर अयोध्या लौटे थे I इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की पूजा भी की जाती है और अपने-अपने घरों को दीप जलाकर सजाया जाता है I इस बार भी अयोध्या में 12 लाख दीप जलाकर योगी की उत्तर प्रदेश सरकार वर्ल्ड रिकार्ड बना रही है I यह एक अच्छी पहल है, होना भी चाहिए ,जिससे कि आने वाली पीढ़ियां हमारी संस्कृति को समझ सके, उन्हें जान सके I लेकिन देश भर में मनाये जा रहे दीपावली त्यौहार पर आर्थिक नीतियों में ग्रहण की तरह घेर रखा है I पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने जनता का दिवाला निकाल दिया है I विगत 02 साल में जहां कोरोना देश की नहीं आम जन के बजट को हिला कर रख दिया है I महंगाई बढ़ने लगी I अब जबकि कोरोना महामारी से लोग उबरने लगे हैं I देश की अर्थव्यवस्था सुधरने लगी है I लेकिन महंगाई पर अभी भी सरकार नियंत्रण करने में पूरी तरह सक्षम नहीं हो पा रही है I इसी बीच पेट्रोलियम पदार्थों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है और यह अब शतक लगाकर पार हो चुका है I ...

संकुचित राजनीति की बदरंग तस्वीर

    जाति-धर्म के फैक्टर में, कोई नहीं है टक्कर में....उक्त स्लोगन आज की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में देखा जाय बिल्कुल सटीक बैठता है I विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में वर्तमान में जिस तरह की राजनीति चल रही है ,आने वाले समय में विषम परिस्थितियों को आमंत्रित करने का कार्य किया जा रहा है I जो न तो लोकतंत्र के सेहत के लिए ठीक होगा न ही आवाम के लिए ही हितकारी होगा I  हमारे राजनीतिक दलों के आकाओं को भी चिन्तन करने की जरूरत है कि सत्ता के लिए ऐसी ओछी राजनीति कर देश की स्थिरता को संकट में डालने का कार्य कर रहे हैं I देश के बड़े-बड़े  अलम्बरदार माइक सम्हालते ही सबसे बड़े देश-भक्त बन जाते हैं I लेकिन चुनाव आते ही वोट पहले और देश बाद में होता है I मंचों पर जो विचारधारा प्रस्तुत करते हैं ,वो चुनावी रणनीति में बदल जाती है I बस एक ही एजेंडा होता है जीत सिर्फ जीत इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं I पार्टी का सिद्धांत तो तेल लेने चला जाता है I अभी हाल के दिनों में कुछ राजनीतिक घटनाओं में उक्त झलक दिखी I पंजाब, उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव होने हैं I जातिगत आधार पर राजनीति शुरू ह...

यूपी चुनाव ने गढ़े नये आयाम

  यूपी में का ....बा ! यूपी में बाबा ... जैसे गीतों की धुन विधानसभा चुनाव 2022 में खूब चले अरे उठापटक के बीच आखिरकार विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ I एक बार फिर योगी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने जा रही है I संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अनेकानेक सवाल भी अपने पीछे छोड़ कर गया है I इस बार यह चुनाव धर्म जाति पर लड़े या फिर राष्ट्रवाद सुरक्षा सुशासन महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चुनाव हुए ? राजनीतिक दलों ने मुद्दे तो खूब उठाएं धर्म जाति दोनों पिचों पर दलों ने जम कर बैटिंग किया चुनाव की शुरुआत में जिन्ना का प्रवेश हुआ हिंदुत्व मुद्दा बना कई दलों में मुस्लिम हितैषी बनने को लेकर होड़ मची दिखी चुनाव का अंत में EVM पर आकर टिक गया I चुनाव काफी दिलचस्प रहा लोगों में अंत तक कौतूहल बना हुआ था कि किसकी सरकार बनेगी I फिलहाल योगी सरकार बन ही गई इस चुनाव में सभी मुद्दों दोही मुद्दे सफल हुए जिसमें राशन व सुशासन I ये सभी मुद्दों पर भारी रहे I पश्चिम उत्तर प्रदेश में सुशासन तो पूर्वी में राशन का प्रभाव दिखा I इस चुनाव में मुस्लिम समुदाय का एक तरफा वोटिंग ने समाजवादी पार्टी को 125 सीटों तक पहुं...