
एक बार फिर अमेठी सुर्खियों में आ गया है। आना भी लाजिमी है ,क्योंकि राहुल गांधी को अपने ही घर में आने से प्रशासन द्वारा रोका जा रहा था । ये मेरा नही कांग्रेस के नेताओं का का कहना है। इस माह की 04 तारीख को राहुल गांधी का अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करने जा रहे हैं। वही भाजपा सूत्रों के अनुसार आगामी 10 अक्टूबर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अमेठी दौरे पर आ रहे हैं। इससे लगता है कि अमेठी की सियासत का पारा चढ़ना तय है। जिसकी तपन का असर देश की राजनीति में दिखना तय है। हो भी क्यों न, ये गांधी परिवार की कर्मभूमि जो है। कांग्रेस का आरोप रहता है कि जब से यूपीए की सरकार गई यहाँ से सारे प्रोजेक्ट हटा लिए गये।,चाहे वो मेगाफूड पार्क हो या फिर पेपर मिल रहा हो। उनका आरोप है कि बीजेपी अमेठी के विकास को ठप्प कर दिया है। उधर भाजपा नेताओं का जबाब है कि गांधी परिवार ने दशकों से अमेठी की जनता को छलने का कार्य किया है। जो भी प्रोजेक्ट की बात कांग्रेस कर रही है ,सिर्फ हवा हवाई साबित हुई है। कांग्रेस के जिला प्रवक्ता अनिल सिंह का कहना है कि भाजपा ने अमेठी को चारागाह बना दिया है, जो कुछ अमेठी विकास दिख रहा है वो सिर्फ गांधी परिवार की देन है। भाजपा के बरिष्ठ नेता व पूर्व जिलाध्यक्ष दया शंकर का कहना है कि अमेठी का कहना है कि जो व्यक्ति अपनी निधि तक खर्च नही कर पाता उससे विकास की आसा करना बेकार है। यूपीए की सरकार रहते राहुल ने अमेठी का विकास नही करा पाये तो अब क्या करेंगे।
भाजपा की सरकार व स्मृति दीदी के प्रयासों से विकास को गति मिल रही है। जो भी हो आने वाले हफ्ते में अमेठी की राजनीतिक सरगर्मियां तेज रहेगी। जिस पर देश दुनिया की नजरे अमेठी पर टिकी होंगी। विकास के रास्ते बंद पड़े हैं। अमेठी के बंद पड़े कलकारखाने , उखड़ी सड़के, शिक्षा, स्वास्थ्य सब कुछ बेहाल है। क्षेत्र के विकास के लिए कोई ठोस नीति नही दिख रही है। नेताओं के विकास दावे की पोल रहा है। क्षेत्र के देवेंद्र, सुरेंद्र, अरविंद आदि का कहना है कि अमेठी की जनता को विकास का मॉडल दिखा कर सारे राजनीतिक पार्टियों ने छलने का कार्य किया गया है। अमेठी को वीवीआईपी कहने का मतलब ही क्या रह गया है सिर्फ यही कि राष्ट्रीय नेता चुनाव लड़ने आते हैं। लेकिन इन राजनीति के महा धुरंधरों के बीच अमेठी की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है।
राहुल का अमेठी दौरा आज से,प्रशासन ने दी इजाजत
बिगत चार दिनों से राहुल गांधी के अमेठी दौरे को लेकर सियासत उठापटक का उस समय पटाक्षेप हो गया , जब प्रशासन ने दौरे के कार्यक्रम को अनुमति दे दी है। ये प्रकरण उस समय उछला, जब 30 सितंबर को एसपीजी की तरफ से जिला प्रशासन को एक पत्र मिला जिसमें राहुल गाँधी के कार्यक्रम की सूचना थी। जिला प्रशासन ने कार्यक्रम को ये कहते हुए इजाजत देने से इंकार कर दिया कि उसके पास पर्याप्त सुरक्षा बल नही है। फिर क्या था इजाजत न मिलना सियासी सियासी मुद्दा बन गया। प्रदेश अध्यक्ष राजब्बर ने कहा कि ये भाजपा की चाल है जिससे अमित शाह का दौरा फीका न पड़ जाए। जिलाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्र ने कहा कि अमेठी राहुल जी घर है, घर आने के लिए सुरक्षा की जरूरत नही है। फिलहाल प्रशासन ने तीन दिवसीय दौरे को इजाजत दे दी है, जोकि आज से शुरू हो रहा है।
अमेठी जनपद के जिलाधिकारी योगेश कुमार का इस सम्बंध में कहना है कि एसपीजी का पत्र मिला था। मैंने कांग्रेस कार्यालय को गोपनीय पत्र भेज कर कहा था कि इस समय त्योहार के चलते सुरक्षा बल की कमी है। दौरे को दो दिन आगे बढ़ा दिया जाय। लेकिन हमने इजाजत न देने की बात नही कही थी।
@NEERAJ SINGH
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