आखिर कब तक ये घिनौना खेल जारी रहेगा,आतंक का कायराना हरकत को झेलना होगा । आप तो सरकार बना कर खुश तो मैं गोली खाकर खुश रहूँ । आप हमारे खून से सने आटे की आतंकवाद के चूल्हे राजनीतिक रोटी सेंकते रहो,मानवता की लकड़ी धूं धूं जलती रहे। और ऐसे रोटी को खा खा कर लोकतांत्रिक रुपी पेट का हाजमा बिगाड़ते रहें। धर्म, जाति नामक कपडे पर खून के छींटे आखिर कब तक पड़ते रहेंगे।मानव जीवन नर्क बनता रहेगा। आज तक कोई राजनीतिक दलों के द्वारा कोई ठोस कदम अब तक कश्मीर के हालात को सुधार देगा ,ऐसा कोई दिख नही रहा है।आज खूबसूरत वादियों के शरीर को आतंकी अपनी गोलियों से छलनी कर रहा है। सरकार में बैठे राजनीतिक अगर घड़ियाली आंसू बहाते रहे अमर नाथ यात्रा जैसी घटना को कोई रोक नही पायेगा। हालात निकल जाएंगे और मानवता जलती रहेगी और हम तमाशा देखते रहेंगे। अब समय आ गया है कि घड़ियाली आंसू बहाने के बजाय कुछ जोरदार करने का समय है ।
@नीरज सिंह
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