कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुदद्दीन सोज का बयान ...बुरहान को मारना नही चाहिये था वो भारत व पाक के रिश्तों में पुल का काम करता। हद हो गई कांग्रेस के नेताओं की इनकी सोच आतंकियों से मेल खाती दिख रही है। दिग्गविजय, मणिशंकर अय्यर, गुलाम नवी आजाद, पी चितंबरम, संजय निरुपम आदि नेताओं ने सोच लिया है कि हम बात करेंगे तो सिर्फ मुस्लिम तुष्टीकरण की ,चाहे क्यों न आतंकियों का ही समर्थन करेंगे। पहले पाकिस्तान व हुर्रियत नेताओं के लिए बुरहान हीरो दिख रहा था । अब तो कांग्रेस नेता भी इसे हीरो मानते हुए एन्काउन्टर को गलत बता कर सेना की कार्यवाही पर सवाल खड़ा कर दिया ऐसा पहली बार नही हो रहा है ।पहले भी सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस ने सवाल उठा चुका है। क्या हो गया है कांग्रेस को क्या ये वही कांग्रेस है जिसका सैकड़ों साल का आजादी से भरा गौरवशाली इतिहास रहा है , आज वो बुरहान जैसे आतंकी का पक्ष लेता दिख रहा है। अन्य दल भी दूध के धुले नही हैं। पीडीपी जैसी पार्टी जो हमेशा सस्ती राजनीति के लिए हुर्रियत से लेकर आतंकवादियों तक साथ देने में पीछे नही रही है। जम्मू-कश्मीर सरकार की मुख्यमंत्री व पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती की जबान बुरहान को आतंकी कहने में तालू चिपक जाती है। उसी भाषा में गठबंधन में सहयोगी पार्टी और अपने को सबसे बड़ा देश भक्त कहने वाली बीजेपी के जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल कुमार ने एनकाउंटर के बाद इस पर बोलने से कतराते दिखे थे। आतंकी व हुर्रियत के पत्थरबाजों की समर्थक पार्टी से बीजेपी की क्या मजबूरी है की साझे की सरकार चलती रहे। अब बात एक बार फिर कांग्रेस की जाय कि देश इतनी जिम्मेदार पार्टी के दिग्गज नेताओं की अनाप शनाप बयान बाजी सिर्फ व्यक्तिगत राय के आड़ में चलती रहेगी या ये एक सोची समझी चाल भर है। चन्द वोटों की खातिर देश के राजनीतिक दल अपना रवैया नही बदला तो देश के हालात जम्मू कश्मीर व पश्चिम बंगाल के जैसे बेकाबू हो जायेंगे।सोज जैसे लोगों को देश द्रोह का मुकदमा दर्ज कर सलाखों के पीछे भेज देना चाहिये ।जिससे ऐसी हिमाकत कोई दूसरा न कर सके।
@नीरज सिंह
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